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मंकी पॉक्स की मध्य – प्रदेश में दस्तक ! इंदौर की एक महिला में मिले मंकी पॉक्स के लक्षण, जानें इसके लक्षण और बचाव के बारे में

इंदौर। मंकी पॉक्स एमपी पहुंच (Monkey Pox Reached in MPगया है। इंदौर की महिला में मंकी पॉक्स के लक्षण मिले हैं। मंकी पॉक्स के लक्षण मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 54 वर्षीय महिला महिला को होम आइसोलेट कर दिया है। स्वास्थ विभाग आज महिला के सैंपल लेकर जांच के लिए पुणे भेजेगा। रिपोर्ट आने तक महिला होम आइसोलेट रहेगी। महिला की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग कोई रिस्क लेने के मूडे में नहीं है। लिहाजा महिला को आइसोलेट कर दिया गया है।

दरअसल महिला तबीयत खराब होने के बाद निजी क्लीनिक में इलाज कराने के लिए पहुंची। महिला को सर्दी-खांसी और बदन दर्द के साथ शरीर पर लाल चकत्ते उभर आए हैं। डॉक्टरों को महिला में मंकी पॉक्स के लक्षण दिखे। इसके बाद डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी। एहतियात के तौर पर विभाग ने महिला को फिलहाल होम आइसोलेट कर दिया है।

इंदौर की एक महिला में मिले मंकी पॉक्स के लक्षण

क्या है मंकी पॉक्स?

मंकी पॉक्स वायरस एक मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। 1958 में यह पहली बार शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। इस वायरस का पहला मामला 1970 में रिपोर्ट किया गया है। मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों (tropical rainforest area) में यह रोग में होता है।

मंकी पॉक्स का लक्षण

  • बार-बार तेज बुखार आना।
  • पीठ और मांसपेशियों में दर्द।
  • त्वचा पर दानें और चकते पड़ना।
  • खुजली की समस्या होना।
  • शरीर में सामान्य रूप से सुस्ती आना।
  • मंकी पॉक्स वायरस की शुरुआत चेहरे से होती है।
  • संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है।
  • चेहरे से लेकर बाजुओं, पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर रैशेस होना।
  • गला खराब होना और बार-बार खांसी आना।
  • कैसे फैलता है संक्रमण
  • मंकी पॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। ऐसे में लोगों को शारीरिक संपर्क से बचाव रखना चाहिए।
  • संक्रमित व्यक्ति या किसी व्यक्ति में मंकी पॉक्स के लक्षण हैं, तो उसे तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  • संक्रमित व्यक्ति को इलाज पूरा होने तक खुद को आइसोलेट रखना चाहिए।
  • मंकी पॉक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
  • यह संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से भी हो सकता है।