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सिर्फ पुलिस से ही बचकर नहीं भाग रहा है सुशील कुमार, एक गैंग को भी है उसकी तलाश

नई दिल्ली: ओलम्पिक में अकेले दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाला अकेला पहलवान. क्रिकेट जैसे खेल के बीच अकेले दम पर कुस्ती को पहचान दिलाने वाला पहलवान. जो अरुण अवार्ड, खेल रत्न और पद्मश्री जैसे पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हो. वो आज फरार होकर इधर उधर भटक रहा है. आज से 20 दिन पहले देश के कई पहलवानों का आदर्श और गुरू होने वाला सुशील कुमार अब पुलिस के रिकॉर्ड में फरार है. मामला है पहलवान सागर धनकड़ की हत्या का. जिसमें सुशील मुख्य आरोपी है.

खबर आ रही है कि अब सुशील पुलिस के साथ-साथ एक गैंगस्टर की वजह से भी फरार चल रहा है. सुशील कुमार को अब काला जठेड़ी गैंग से दुश्मनी की भी बात सामने आ रही है. कभी जो गैंग उसके छत्रसाल स्टेडियम में शह पाता ता आज उसी गैंग से सुशील को जान का खतरा है. कहा तो ये भी जा रहा है कि काला जठेड़ी गैंग के डर से सुशील नेपाल भाग सकता है.

काला जठेड़ी गैंग को भी है सुशील की तलाश

पुलिस के साथ-साथ सुशील की तलाश इन दिनों काला जठेड़ी गैंग को भी है. दरअसल चार मई की रात को सुशील और उसके साथियों ने सागर की तो पिटाई की ही थी उसके साथ ही एक सोनू नाम के शख्स को भी बुरी तरह घायल कर दिया था. बाद में यह बात सामने आई कि सोनू गैंगस्टर काला जठेड़ी के सगे मामा का बेटा है. यही वजह है कि सुशील से सांठ-गांठ रखने वाले काला जठेड़ी गैंग के गुर्गे उसकी जान के दुश्मन बने हैं.

हत्याकांड के बाद एक टोल नाके पर दिखा था

सागर की हत्या होने के बाद पहली बार सुशील एक टोल के सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दिया. इसमें वह एक कार में एक अन्य शख्स के साथ बैठा हुआ है. बताया जा रहा है कि यह फुटेज उस दौरान का है जब घटना के बाद वह उत्तराखंड की ओर जा रहा था. तकनीकी सर्विलांस में भी उसके उत्तराखंड की ओर जाने की बात सामने आई थी. जहां बताया गया कि उसे एक योगगुरू ने अपने आश्रम में शरण भी दी. माना जा रहा है कि उधर से ही सुशील नेपाल जा चुका है.

पुलिस के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सुशील पेशेवर अपराधी की तरह बर्ताव कर रहा है. वह कई सिम कार्ड के जरिए अपने सहयोगियों के संपर्क में रहता है. वह पुलिस की जांच के भटकाने के लिए अपने सहयोगियों की मदद से सर्विलांस पर लगे अपने सिम का इस्तेमाल करवाता है. ताकि पुलिस को लगे कि सुशील दिल्ली के आस पास मौजूद है। जांच के दौरान पुलिस को कई सिम नंबरों का पता चला है. जिसके जरिए पुलिस आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि अदालत से अग्रिम जमानत की अर्जी ख़ारिज होने के नाद सुशील एक बार फिर से जमानत की गुहार लगा सकता है या फिर आत्मसमर्पण कर सकता है.