अन्धविश्वास और मौत का डर:डर ऐसा की 31 साल तक दुल्हन बन के रहा आदमी
जौनपुर: अंधविश्वास और टोने-टोटके पर न चाहते हुए भी ज़्यादातर भारतीय विश्वास करते हैं. आप उनसे पूछेंगे तो वो मना करेंगे लेकिन दूसरी बार में ‘आस्था’ या ‘भरोसा’ कह कर कहीं न कहीं अपने अंधविश्वासी होने का प्रमाण दे देंगे। चिंताहरण चौहान की कहानी भी कुछ ऐसी है. वो पिछले 31 साल से एक अन्धविश्वास को ढो रहा है. लेकिन, अगर उसकी कहानी देखें, तो उसके हिसाब से इस अंधविश्वास ने उसके बच्चों की जान बचाई है, इसलिए उसे ज़रा भी अफ़सोस नहीं कि उसे 31 साल से महिलाओं की तरह रहना पड़ रहा है.
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चिंताहरण चौहान की सुबह शुरू होती है एक लाल साड़ी पहनने से. फिर वो नाक में बड़ी नाथ पहनता है. झुमके, चूड़ियों से पूरा श्रृंगार करता है. ये सब इसलिए ताकि उसे मौत न आये. यूपी के जौनपुर के रहने वाले 67 साल के चौहान की पहली शादी तब हुई थी, जब वो 14 साल के थे. लेकिन, कुछ ही समय बाद उनकी पहली पत्नी की मौत हो गई.
21 साल की उम्र में वो पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर में नौकरी करने गए. यहां उन्हें एक ईंट की भट्टी में नौकरी मिल गई. उनका काम था मज़दूरों के लिए अनाज लेकर आना. जिस दुकान से वो अनाज लेकर आते थे, उसके मालिक से उनकी दोस्ती हो गई और करीबन 4 साल बाद उन्होंने उस मालिक की लड़की से शादी कर ली।
ये चिंताहरण की दूसरी शादी थी. लेकिन, यहां उसके परिवार वालों को उस लड़की से चौहान की शादी पसंद नहीं आई और परिवार के दबाव में आ कर उन्हें उस लड़की को छोड़ना पड़ा. एक साल के बाद जब चौहान दिनाजपुर वापस काम करने पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि दुकानदार की बेटी ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसने आत्महत्या कर ली.
बाद में चौहान के घरवालों ने उसे तीसरी शादी के लिए मनाना शुरू किया और अंततः उन्होंने तीसरी शादी कर ली. सभी को यकीन था कि ये शादी उनकी ज़िन्दगी संवारेगी, लेकिन चौहान की मुसीबतें अभी शुरू हुई थी. इस बीच उसे दिनाजपुर वाली लड़की भी सपने में दिखाई देती थी. हर बार सपने में वो रोती थी और चौहान को धोखा देने के लिए कोसती थी.
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तभी चौहान के परिवारवालों की एक-एक कर मौत होनी शुरू हो गई. सबसे पहले वो ही बीमार पड़े, फिर उसके पिता की मृत्यु हुई. फिर बड़े भाई-भाभी और उसके दोनों बच्चों, फिर छोटे भाई की मौत हुई और उसके सात बच्चे भी मर गए. इस बीच भी चौहान को उसकी बंगाली पत्नी के सपने आते रहते थे. एक दिन उसे फिर से उसकी मरी हुई पत्नी का सपना आया. इस सपने में वो उससे माफ़ी मांग रहा था, “मैंने उससे कहा कि वो मुझे माफ़ कर दे और उसके परिवार को बख्श दे. उसने कहा कि चौहान को हमेशा एक दुल्हन की तरह सजना होगा ताकि इस रूप में वो लड़की हमेशा उसके साथ रह सके.” चौहान का दावा है कि इसके बाद से ही उसके परिवार में हो रही मौत रुक गई.
चौहान का दावा है कि इसके बाद से ही उसके परिवार में हो रही मौत रुक गई. The Gulf News की रिपोर्ट के अनुसार, चौहान का कहना है कि इस घटना के बाद से ही उसकी सेहत सुधर गई, उसके दोनों बेटे; रमेश और दिनेश दोनों भी ठीक हैं. लेकिन, कुछ साल पहले उसकी तीसरी पत्नी गुज़र गई. इसी रिपोर्ट में चौहान का कहना था कि उसके परिवार में उसने 14 लोगों को खो दिया और मौत का ये सिलसिला तब रुका जब वो दुल्हन का भेष बनाने लगा.