सनसनीखेज खुलासा, पेगासस स्पाइवेयर के जरिए राहुल गांधी और उनके सहयोगियों की करायी गयी जासूसी
पेगासस रिपोर्ट ने देशभर में तहलका मचा दिया है. इस खतरनाक स्पाइवेयर के जरिए 40 पत्रकारों की जासूसी के बाद अब देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम भी जुड़ गया है. द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक राहुल गांधी का मोबाइल नंबर भी उन 300 भारतीयों की सूची में शामिल हैं, जिनकी इजरायली स्पाईवेयर के जरिए जासूसी की गई. राहुल गांधी ने कथित जासूसी की इस घटना को भारतीय लोकतंत्र के नींव पर हमला करार देते हुए कहा है कि दोषियों कि पहचान कर उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.
राहुल गांधी ने न्यूज़ पोर्टल द वायर को बताया कि उन्हें कई बार संदिग्ध वॉट्सऐप मैसेज प्राप्त हुए. इसके बाद उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से अपना फोन और नंबर बदल लिया था. ताकि आसानी से उन्हें पेगासस स्पाईवेयर का निशाना न बनाया जा सके. राहुल गांधी ने इस जासूसी को लेकर कहा कि, ‘मेरे संबंध में, किसी अन्य विपक्षी नेताओं के संबंध में या वास्तव में भारत के किसी भी नागरिक जो कानून का पालन करता हो, उसका जासूसी करना निदंनीय है. यह हमारे लोकतंत्र के नींव पर हमला है. इसकी जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों का पहचान कर उन्हें कठोर सजा दी जानी चाहिए.’
राहुल गांधी की जासूसी किए जाने की बात सामने आने के बाद अब राजनीतिक तूफान मच सकता है. चूंकि, इस स्पाइवेयर की निर्माता कंपनी NSO ग्रुप का दावा है कि वे अपना सॉफ्टवेयर सिर्फ किसी देश की सरकार को बेचते हैं, निजी संस्थान को नहीं. ऐसे में यह स्पष्ट है कि यदि पत्रकारों और प्रमुख नेताओं के फोन हैक किए गए तो उसमें केंद्र सरकार की संलिप्तता जरूर रही होगी. केंद्र की मर्जी के बगैर कोई संस्थान इस तरह की जासूसी नहीं कर सकता.