Gwalior newsMadhya Pradesh

ग्वालियर में महक उठी संगीत संध्या

ग्वालियर: सांगीतिक संस्था रागायन की विशिष्ट संगीत सभा में ग्वालियर घराने के जाने माने तबला वादक पंडित रामस्वरूप रतौनिया को स्वरांजलि दी गई. इस सभा में युवा गायक यश देवले पंडित श्रीराम उमड़ेकर एवं साधना गोरे ने अपनी प्रस्तुतियों से ऐसे रंग भरे कि सुर साज की ये महफि़ल चमक उठी. रागायन के अध्यक्ष एवं सिद्धपीठ गंगादास की बड़ी शाला के महंत स्वामी रामसेवकदास ने मां सरस्वती एवं गुरुपूजन कर सभा का विधिवत शुभारंभ किया.

सभा की पहली प्रस्तुति में ग्वालियर के युवा गायक यश देवले का खयाल गायन हुआ. उन्होंने राग गावती में खयाल गायन की सुमधुर प्रस्तुति दी. सुंदर आलाप से शुरू करके उन्होंने इस राग में दो बंदिशें पेश की. एक ताल में निबद्ध विलंबित बंदिश के बोल थे -” आस लागी तुम्हरे चरनन की” जबकि तीन ताल में द्रुत बंदिश के बोल थे- “हमरी पार करो साईं” दोनों ही बंदिशों को गाने में यश ने कमाल की सांगीतिक सूझबूझ दिखाई. विलंबित बंदिश को गाते समय राग की बढ़त करने का उनका अंदाज अनूठा है. स्वर खिलते चले जाते है. उनकी आवाज भी मीठी होकर तीनों सप्तकों में घूमती है. रागदारी की बारीकियों के साथ बहलाबों और तानों की अदायगी में भी यश का कोई जवाब नहीं. गायन का समापन उन्होंने चारुकेशी में भजन- कितक दिन हरि सुमिरन बिन खोए’ से किया. उनके साथ हारमोनियम पर नवनीत कौशल एवं तबले पर पवन माहौर ने बेहतरीन संगत की.

सभा की दूसरी प्रस्तुति में ग्वालियर के वरिष्ठ संगीत साधक पंडित श्रीराम उमडेकर का सितार वादन वादन हुआ. वादन के लिए उन्होंने राग किरवानी का चयन किया. आलाप से शुरू करके उन्होंने विलंबित और द्रुत दोनों ही गतें तीनताल में पेश कीं. तबले पर डॉ विनय विन्दे ने सधी हुई और मीठी संगत की. सभा का समापन ग्वालियर घराने की वरिष्ठ संगीत साधिका साधना गोरे के खय़ाल गायन से हुआ. एक ताल में निबद्ध विलंबित बंदिश के बोल थे – गोकुल गांव के छोरा।जबकि तीनताल में निबद्ध द्रुत बंदिश के बोल थे- नयनन में आन बान. दोनों ही बंदिशों को उन्होंने बड़े ही मनोयोग से गाया. रागदारी की बारीकियों के निर्वहन के साथ राग के विस्तार में एक एक सुर खिल उठा. बहलाबों की प्रस्तुति के साथ विविधतापूर्ण तानों की प्रस्तुति भी लाज़बाब रही. गायन का समापन उन्होंने भजन राम रंग ही रंग ले” से किया. उनके साथ हारमोनियम पर पंडित महेशदत्त पांडेय व तबले पर पांडुरंग तैलंग ने मिठास भरी संगत का प्रदर्शन किया.