सोशल मिडिया से हो रहा स्मार्टफोन एडिक्शन
फेसबुक पर फोटो अपलोड करना हो या फिर वॉट्सअप से चैटिंग करना मोबाइल पर अधिक समय देने का बुरा असर शरीर पर पड़ रहा है. मोबाइल के साथ हमेशा बिजी रहने से मोबाइल फोन एडीक्शन बढ़ा है। सोशल मीडिया के शौकीन युवा साल 2021 में गुजरात के जीसीएस मेडिकल कॉलेज (कम्युनिटी ऑफ मेडिसिन) में हुए स्टडी में 15 साल से 24 साल के युवाओं को शामिल किया गया. इनमें से ज्यादातर 5 से 6 और 6 से अधिक घंटे मोबाइल पर बिजी रहते हैं. लडक़े और लडक़ी दोनों में से ज्यादातर सोशल मीडिया के शौकीन हैं.स्मार्टफोन का नशा गहरायासाउथ कोरिया में हुआ अध्ययन बताता है कि लड़कियों में स्मार्टफोन का एडीक्शन अधिक है. वहीं चीन के वन्नान मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स पर हुई स्टडी के अनुसार लडक़ों (30.3 %) और लड़कियों (29.3 %) में मोबाइल से चिपके रहने की आदत लगभग बराबर थी. शोध में शामिल कुल युवाओं में से 29.8 प्रतिशत मोबाइल एडीक्शन के शिकार पाए गए.मणिपाल हॉस्पिटल के साइकेट्रिस्ट डॉ. भागवत नारायण राजपूत बताते हैं कि मोबाइल की लत ड्रग या अल्कोहल के लत की तरह है। इसका बुरा असर परिवार के ऊपर पड़ रहा है. जब लोगों के जीवन में मोबाइल नहीं था, तो परिवार साथ बैठ कर बातें करता था, खाना खाता था, हंसी-मजाक करता था. इसी दौरान बड़े-बच्चे सभी समाजिक मूल्यों पर बातें करते थे. लेकिन मोबाइल की वजह से परिवार में मौजूद शख्स अपने ही उम्र के लोगों में बिजी हो गया है. इससे उनके स्वभाव पर बुरा असर पड़ा है. वह जल्दी गुस्सा होते हैं. उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन होता है. लड़कियां चैटिंग तो लडक़े गेमिंग में बिजीकरीब 2201 युवाओं पर हुई एक स्टडी के अनुसार मोबाइल किसी से संपर्क करने के लिए मैसेज करती हैं. मैसेज करने के अलावा हालचाल जानने, मस्ती-मजाक करने या किसी और वजह से संपर्क साधने के लिए कॉल करती हैं। इसके ठीक विपरीत लडक़ों को कॉल करना पसंद है. वीडियो कॉल के मामले में दोनों को कोई खास रुचि नहीं थी. केवल 11 % लडक़े और 2 % लड़कियों को ही चेहरा देखते हुए बात करना पसंद आता है.