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सिलावट बोले सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस के पास कुछ नहीं बचा, कांग्रेस ने कहा- कभी कोई अपनी मां बदलता है भला

इंदौर। मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कांग्रेस पर फिर निशाने साधे हैं। उन्होंने कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद कांग्रेस में बचा क्या है? भाजपा को अपनी मां बताते हुए सिलावट ने कहा कि 2018 का चुनाव कांग्रेस ने सिंधिया के चेहरे पर लड़ा। सिलावट के बयान पर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी (ग्वालियर-चंबल संभाग) के.के. मिश्रा ने कहा कि सिलावट क्या बोल रहे हैं उनको कुछ होश ही नहीं है, भाजपा को मां बता रहे हैं, कांग्रेस उनके लिए क्या पहले मां नहीं थी। क्या आपने कभी सुना है कि कोई अपनी मां बदल देता है। अगर कांग्रेस में कुछ नहीं बचा है तो इतना डर क्यों रहे हैं मंत्री सिलावट।


यह बात उन्होंने स्वर्गीय निर्भय सिंह पटेल की जयंती के मौके पर कही। मंत्री ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ता की मौजूदगी में राजीव गांधी चौराहा स्थित पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।


सिलावट ने कहा कि कांग्रेस धरातल में चली गई है। 2018 का चुनाव भाजपा यानी हमारी मां ने ‘माफ करो महाराज हमारे नेता शिवराज’ स्लोगन पर लड़ा था। अब जब सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए हैं, उनके साथ कांग्रेस के 27 विधायक भाजपा में आ गए तो ऐसे में आरोप लगाना बेबुनियाद है।

कांग्रेस नेता के. के. मिश्रा ने कहा कि तुलसी सिलावट को हार का डर सताने लगा है और इसके बाद भाजपा में भविष्य अंधकारमय दिख रहा है। इसलिए जिस कांग्रेस से विधायक बने उसे धोखा दिया, ऐसे नेता को जनता खूब जानती है जिसने जिस थाली में खाया उसी में छेद किया। भाजपा को मां बताने वाले सिलावट क्या कांग्रेस को मां नहीं मानते थे, आपने कभी सुना है कि कोई अपनी मां बदलता है।

प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट शुक्रवार को पूर्व वन मंत्री स्व. निर्भय सिंह पटेल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा करना और उनके सुख-दुख में खड़े रहना, समाज के हर वर्ग की चिंता करना और समाज हित में काम करना ही दादा की पहचान है, जो आज भी प्रेरणा दाई है। उन्होंने कहा कि कृषक नेता के तौर पर स्व. पटेल ने समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा है।


वहीं, प्रदेश भाजपा की महामंत्री कविता पाटीदार ने कहा कि आज जो संगठन खड़ा है, उसमें दादा की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने घर-घर जाकर कार्यकर्ताओं को एकजुट कर संगठन को खड़ा किया है। उनके दिखाए मार्ग पर ही आज भी नेता और कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। दादा ने राजनीति में कई आदर्श स्थापित किए हैं। आज भी युवा पीढ़ी के लिए वे प्रेरणा स्त्रोत है।