मध्य प्रदेश बारिश के साथ बह गए शिवराज के बनाये गये पुल
भोपाल: मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में बारिश से बर्बादी का आंकलन सामने आया है. बारिश के बाद आयी बाढ़ की चपेट में दर्जनों गांवों के हजारों लोग आ गए. लेकिन हैरानी तब ज्यादा हुई जब नदियों पर बने छह पुल पत्तों की तरह टूटते और बहते दिखे. बांधों के गेट खोले जाने के बाद सिंध और सीप नदी के पानी ने कुल 6 पुलों को ध्वस्त कर दिया. इनमें से चार पुल का निर्माण शिवराज सरकार में हुआ था. कुल साढ़े 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बने ये पुल पानी में बह गए और इसके साथ ही सरकारी पैसा भी पानी हो गया. एक पुल का निर्माण तो महज़ चार साल पहले ही हुआ था.
मंगलवार को पहले सिंध नदी के तेज धार में गोराघाट के नजदीक लांच का पुल और रतनगढ़ वाली माता मंदिर का पुल बह गया था. इसके बाद बुधवार को दतिया जिले में सिंध नदी पर बने सेंवढ़ा और इंदुर्खी पुल बह गए. बुधवार को ही सीप नदी पर बने श्योपुर- मानपुर और श्योपुर-बडोदा मार्ग के 2 पुल बाढ़ की चपेट में आ गए. उधर नरवर-ग्वालियर को जोड़ने वाले पुल का एक हिस्सा भी बुरी तरह छतिग्रस्त है.
करोड़ों रुपए के खर्च से हाल के वर्षों में बने पुल के इस तरह धराशायी होने को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. सिंध नदी पर बने 3 पुल जो टूटे हैं उनमें रतनगढ़ – बसई साल 2010 में, इंदरगढ़-पिछोर साल 2013 में और गोरई-अडोखर साल 2017 में बने थे. इसके अलावा श्योपुर-बड़ोदा को जोड़ने वाला सीप नदी पर बना एक पुल भी साल 2013 में बना था. इन चारों पुल को बनाने में करीब 3 हजार 355 करोड़ की लागत आई थी.