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चुनावी सभाओं में शिवराज सुना रहे कमलनाथ सरकार गिराने के किस्से

मुरैना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दिमनी, जौरा, मेहगांव और गोहद विधानसभा क्षेत्र की चुनावी सभाओं में कमलनाथ सरकार गिराने के किस्से सुनाए। उन्होंने दिमनी के जीगनी में कहा कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। हमने सोचा कि अब तो सिर्फ आंदोलन ही करेंगे, लेकिन जब सरकार की स्थिति देखी तो मैंने गिर्राज (दंडोतिया) से कहा कि कहां फंसे हो यार, हमारे साथ आओ, सरकार गिरा दो। इसके डेढ़ घंटे बाद इसी से जुड़ा दूसरा किस्सा शिवराज ने गोहद के मालनपुर में सुनाते हुए कहा कि सिंधिया जी से पहले हमारे पास रणवीर जाटव (गोहद के तत्कालीन विधायक) आए थे।
मुझसे कहा कि इस सरकार को चलना नहीं चाहिए। ये मप्र को तबाह कर देंगे। मैंने कहा कि रणवीर सोच लो। रणवीर बोले कि नहीं मैं तो इस्तीफा दूंगा। चाहे कुछ हो जाए, इस सरकार को हम गिराकर ही चैन लेंगे, क्योंकि यह जनता के खिलाफ काम कर रही है। पूर्व सीएम कमलनाथ पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो नंगे-भूखे परिवार से हैं, लेकिन मध्यप्रदेश से हैं, कमलनाथ कहां से आए हैं, उनका नरा (जन्म के समय काटी जाने वाली नवजात की आहार नली) कहां गड़ा है, उन्हें भी नहीं पता।
मेरा नारियल लेकर चलना अच्छा है या उनका शैंपेन की बोतल लेकर चलना
शिवराज ने मेहगांव में कहा कि कमलनाथ बौखला गए हैं। वे मेरे लिए कहते हैं कि मैं नारियल लेकर चलता हूं। रौन को हमने नगर पंचायत बनाया। उन्होंने (कमलनाथ) उसे ग्राम पंचायत बना दिया। हम आचार संहिता से पहले आए उसे फिर नगर पंचायत बना दिया। अमायन को तहसील बनाया। अब बताओ मेरा नारियल लेकर चलना अच्छा है या उनका शैंपेन की बोतल लेकर चलना। उन्होंने कहा- फसल ऋण माफी योजना पर खोदा पहाड़ निकली चूहिया जैसी है। चूहिया भी मरी हुई निकली।
अब कमलनाथ उसी मरी हुई चुहिया की पूंछ पकड़कर उसे हिला हिलाकर कर्जमाफी कर्जमाफी चिल्ला रहे हैं। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने अपने छह महीने के कार्यकाल में किसानों के खाते में डाले गए और आने वाले 23 हजार 600 करोड़ रुपए का हिसाब भी लोगों को बताया।