कोरोना काल में अपने माता पिता को खोने वाले बच्चों के लिए शिवराज सरकार की विवादास्पद योजना
कोरोना काल में अपने माता पिता को खोने वाले बच्चों को आर्थिक सहायता दिलाने के लिए तैयार की गई मध्यप्रदेश सरकार की विवादस्पद योजना अब कोर्ट का भी विषय बन गई है. मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने शिवराज सरकार की योजना की कट ऑफ डेट के संबंध में एक नोटिस जारी किया है. जिसके तहत शिवराज सरकार को 30 जून तक कोर्ट में हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया गया है.
कट ऑफ डेट पर हुये सवाल खड़े
हाई कोर्ट ने शिवराज सरकार को यह नोटिस कोर्ट में दाखिल एक याचिका के सिलसिले में भेजा है जिसमें शिवराज सरकार की कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए तय की गई कट ऑफ डेट पर सवाल खड़े किए गए हैं. शिवराज सरकार कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को प्रति माह 5 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता देने वाली है. वहीं बच्चों की स्नातक तक की पढ़ाई भी सरकारी देख रेख में होनी है. लेकिन इसके लिए शिवराज सरकार ने 1 मार्च 2021 से लेकर 30 जून 2021 की कट ऑफ डेट तय कर रखी है. शिवराज सरकार द्वारा निर्धारित की गई यही कट ऑफ डेट विवाद का कारण बनी है.
शिवराज सरकार को मिला नोटिस
बुधवार को जब मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की दो सदस्यीय बेंच ने याचिका को संज्ञान में लिया तब कोर्ट ने सीधे शिवराज सरकार को जवाब देने के लिए नोटिस भेज दिया. हाई कोर्ट में यह याचिका लॉ की पढ़ाई करने वाले दो छात्रों ने दाखिल की है. याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा है कि शिवराज सरकार की योजना के क्लॉज़ 3.3 में इस बात का उल्लेख है कि जिस बच्चे के माता पिता का देहांत 1 मार्च से पहले हुआ है, उसे सरकार की योजना का लाभ नहीं मिलेगा. याचिकर्ताओं ने कहा है कि सरकार की यह योजना न सिर्फ अफसोसजनक और असंवेदनशील है बल्कि यह अनुच्छेद 14 में संविधान द्वारा प्रदत्त समानता के अधिकार की मुखालिफत करता है.