Madhya Pradesh

छोटे किसानों को एक और झटका देने की तैयारी में शिवराज सरकार

किसानों के लिए काम करने का दावा करने वाली शिवराज सरकार प्रदेश के छोटे किसानों को झटका देने की तैयारी में है. शिवराज सरकार ‘मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना’ के तहत दी जाने वाली मदद में अपने हिस्सेदारी को घटा सकती है. आज कैबिनेट मीटिंग में इस पर फैसला हो सकता है. नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना चलाई जाती है. अब इसमें संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा.

बता दें कि वर्तमान में इस योजना के तहत सरकार किसानों को एक हॉर्स पावर का सोलर पंप लगाने के लिए 19 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ता है. लेकिन प्रस्ताव के मुताबिक अब यह राशि बढ़कर 38 हजार रुपए से ज्यादा हो सकती है. दरअसल सरकार इस योजना में अपनी हिस्सेदारी घटाने पर विचार कर रही है, जिसका सीधा असर किसानों पर होगा. सरकार बड़े किसानों को छूट का लाभ नहीं देती है. ऐसे में अब तक छूट का लाभ उठा रहे छोटे किसान सरकार के इस कदम से प्रभावित होंगे.

क्या है मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना

बता दें कि सरकार ने किसानों में सोलर पंप के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए साल 2017 में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत केंद्र सराकर 30 फीसदी का अनुदान देती है और राज्य सरकार के अनुदान का हिस्सा इससे ज्यादा होता है. अब नए प्रस्ताव के तहत केंद्र और राज्य सरकार का अनुदान इस योजना में 30-30 फीसदी होगा. अभी तक इस योजना के तहत 20 हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं और इनमें से 14 हजार आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं.

इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप का लाभ इस शर्त पर दिया जाता है कि वह कृषि भूमि के उस खसरे/बटांकित खसरे पर अगर भविष्य में इलेक्ट्रिक पंप लगाता है तो उस किसान को उस इलेक्ट्रिक पंप पर कोई अनुदान नहीं दिया जाएगा.

अभी एक हॉर्स पावर के पंप को लगाने में 1 लाख 14 हजार रुपए की लागत आती है. इनमें से केंद्र सरकार 30 फीसदी यानी कि करीब 31 हजार रुपए देती है. वहीं राज्य सरकार अनुदान के तहत 63 हजार रुपए देती है, जिसमें ऊर्जा विकास निगम को दिया जाने वाला सर्विस चार्ज और जीएसटी भी शामिल होता है. वहीं किसानों को मात्र 16 फीसदी का भुगतान करना होता है. अब नए प्रस्ताव के तहत किसानों को 38 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ सकता है और राज्य सरकार अब 63 की बजाय 43 हजार रुपए का अनुदान देगी.