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कमलनाथ सरकार में 51 जिलों में किसानों के कर्ज माफी की बात शिवराज सरकार ने मानी

भोपाल। कमलनाथ सरकार द्वारा 51 जिलों के किसानों की कर्ज माफी की बात को आखिरकार शिवराज सरकार ने मान ली। अभी तक कांग्रेस को किसानों के कर्ज माफी पर घेरने वाली इस स्वीकारोक्ति के बाद भाजपा बैकफुट पर आ गई है। सत्तांरूढ़ भाजपा सरकार ने माना है कि कमलनाथ सरकार में किसान कर्ज माफी हुई है।
इसका खुलासा कृषिमंत्री कमल पटेल द्वारा विधानसभा में विधानसभा में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के एक सवाल का जवाब देने पर हुआ है। जिसमें यह माना गया है कि मध्यप्रदेश में 51 जिलों में किसान कर्ज माफी हुई है।


राज्य सरकार ने विधानसभा में बताया कि 27-12-2019 से पहले किसान कर्ज माफी का पहला चरण और 27-12-2019 के बाद किसान कर्ज माफी का दूसरा चरण चलाया गया था। राज्य सरकार ने यह भी माना है कि प्रदेश में किसानों का एक लाख रुपए तक का कर्जा माफ हुआ है। राज्य सरकार ने गुना, बमोरी, राघोगढ़, मधुसूदनगढ़, चाचौड़ा, कुंभराज और आरोन में भी 17403 किसानों का एक लाख रुपए तक का कर्जा माफ होने की जानकारी दी। राज्य सरकार के विधानसभा में दिए गए जवाब के मुताबिक, प्रदेश के सभी जिलों में किसान कर्ज माफी हुई है।

बैकफुट पर भाजपा
किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर अब तक बीजेपी के आरोप झेल रही कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर जवाबी हमला करना शुरू कर दिया है। पूर्व मंत्री और मौजूदा कांग्रेस विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा है कि कांग्रेस बार-बार यह कह रही है कि कमलनाथ सरकार में किसानों का कर्जा माफ हुआ है, लेकिन बीजेपी किसान कर्ज माफी के मामले पर भ्रम फैलाने का काम कर रही है. अब विधानसभा में सरकार के जवाब से साफ हो गया है कि किसानों का कर्जा माफ हुआ है। डॉक्टर गोविंद सिंह ने दावा किया है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में किसानों का दो लाख रुपए तक का भी कर्जा माफ हुआ है।

कमलनाथ सरकार ने किया था यह वादा
इस बीच, कृषि मंत्री कमल पटेल ने एक बार फिर पूर्व की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। कृषि मंत्री कमल पटेल के मुताबिक, कमलनाथ सरकार ने 10 दिन के अंदर कर्ज माफी का वायदा किया था, लेकिन एक भी किसान का दो लाख रुपए तक का कर्जा माफ नहीं हुआ है। कृषि मंत्री कमल पटेल पिछली सरकार किसान कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया।

किसान कर्ज माफी पर आरोप-प्रत्या रोप
भाजपा सरकार कर्ज माफी के मामले पर पिछली सरकार पर निशाना साधती रही है। किसान कर्ज माफी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाने के बाद सरकार ने कर्ज माफी की पड़ताल के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का भी गठन किया है।