Madhya Pradesh

एसडीएम साहिबा ने आदिवासी किसानों के लाखों रुपए खा लिए और डकार भी नहीं ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले नारा दिया था. ‘आपदा में अवसर’. राज्य की एक एसडीएम ने प्रधानमंत्री के इस आह्वान से पहले ही इसका पालन करके आदिवासी किसानों के हक़ के पैसों में अवसर खोज निकाला. मामला प्रदेश के बुरहानपुर जिले से बोरबन तालाब अधिग्रहण राशि घोटाला का मामला सामने आया है. मामला नेपानगर के चौखंडिया का है, इस मामले में तत्कालीन एसडीएम व झाबुआ डिप्टी कलेक्टर विषा माधवानी समेत 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है.

नेपानगर पुलिस की इस मामले में कार्रवाई कर रही है. बुरहानपुर एसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि इन लोगों पर आदिवासी ब्लॉक खकनार के 15 आदिवासी किसानों के साथ 42 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा करने का आरोप है.

गौरतलब है कि इस मामले की जांच बुरहानपुर ADM द्वारा की गई थी. इसी आधार पर आरोपियों पर धोखाधड़ी, गबन, आपराधिक षड्यंत्र का केस दर्ज किया गया है. वर्तमान समय में SDM विशा माधवानी झाबुआ जिले में तैनात हैं.

क्या है मामला

दरअसल 2018-2019 में बोरबन तालाब निर्माण में 15 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. जिसकी आधी राशि निर्माण और आधी राशि मुआवजे पर खर्च की गई थी. इसी में आदिवासी रामेश्वर कल्लू की 15 एकड़ जमीन शामिल थी. उसे भी मुआवजे की राशि देनी थी. इसी बीच इन सब अफसरों व बैंक कर्मियों ने मिलकर फर्जीवाड़ी कर डाला. हितग्राहियों के नाम का फर्जी खाता खोला और 42 लाख रुपये निकाल लिए.
इस मामले में 45 दिन तक जांच चली. जिसमें विशा माधवानी समेत उनके लिपिक पंकज पाटे, बैंक मैनेजर अशोक नागनपुरे, बैंककर्मी अनिल पाटीदार, होमगार्ड जवान समेत अन्य लोग दोषी पाए गए.