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भाजपा में सिंधिया बन गए 10 नंबरी, 30 स्टार प्रचारकों की सूची में महाराज हो गए नजरअंदाज

इंदौर। मध्य प्रदेश कांग्रेस के कभी सरताज रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में जाकर नजरअंदाज हो गए हैं। सात महीने पहले कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया उपचुनाव में स्टार प्रचारकों की सूची में नजरअंदाज हो गए हैं। हालांकि, उनका नाम 10वें नंबर पर है। कांग्रेस ने इसे लेकर उन पर तंज कसा है। पार्टी का कहना है कि मतलब निकलने पर अब सिंधिया को दरकिनार कर दिया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, ‘भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया का एक भी समर्थक शामिल नहीं, खुद सिंधिया का नाम 10वें नंबर पर। कल डिजिटल रथ से भी गायब थे। कांग्रेस में चुनाव अभियान समिति के प्रमुख थे। क्या हालत हो गई भाजपा में? भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी गायब हैं?’
28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में प्रचार के लिए भाजपा ने अपने 30 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा का नाम भी नहीं है। माना जा रहा है कि उपचुनाव प्रचार में केंद्रीय नेतृत्व दूरी बनाकर चल रहा है। लिस्ट में भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर का नाम भी नहीं है, लेकिन स्थानीय नेता इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
मोदी-शाह को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए

कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने भाजपा से सवाल किया है कि क्या मोदीजी अपनी अपील खो चुके हैं। मध्यप्रदेश की भाजपा ने मोदीजी को स्टार प्रचारक क्यों नहीं माना है? इसी तरह भाजपा जिस हीरे को कांग्रेस में से तलाश कर लाई थी और जिसका मुख्यमंत्रीजी रोज झुक-झुक कर मंच से सजदा करते हैं कि सिंधिया नहीं होते तो मेरी सरकार नहीं बनती, आज उन्हें भी सूची में आखिरी में डाल रखा है। ऐसा लगता है कि भाजपा के सारे स्टार अपनी आभा खो चुके हैं। कांग्रेस तो पहले से ही जानती थी कि भाजपा का काम उपयोग करो और फेंको। और लगता है कि सिंधिया का उपयोग वहां पूरा हो चुका है।

डिजिटल रथ में भी सिंधिया के फोटो नहीं

भाजपा के चुनाव प्रचार रथ के पोस्टर में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया गायब हैं। इस रथ के पोस्टर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को रखा गया है। रथ में एलईडी, साउंड और वीडियो की सुविधा है। यह प्रदेश की सभी 28 सीटों पर चुनाव प्रचार करेगा। यह रथ बिहार से भेजे गए हैं। एक रथ का एक दिन का खर्च करीब एक लाख रुपए आता है।

दिग्विजय के प्रचार से गायब होने पर सिंधिया भी तंज कस रहे

सिंधिया अपनी सभाओं में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के चुनाव प्रचार से गायब होने पर लगातार तंज कस रहे हैं। पिछले दिनों सिंधिया ने करैरा विधानसभा में कहा था कि चुनाव आते हैं तो बड़ा भाई (दिग्विजय सिंह) पर्दे के पीछे हो जाता है। चुनाव हो जाते हैं तो इसके बाद डोरी बड़े भाई के हाथ में आ जाती है। सिंधिया का कहना था कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भी यही हुआ था और अब 2020 में भी यही हो रहा है। सिंधिया ने चुनौती भी दी थी कि दिग्विजय लगातार प्रचार करें। वे जितने दौरे करेंगे, लोग उतने ही भाजपा के साथ जुड़ेंगे।