स्कूल चले हम – नयी गाइडलाइन के साथ 1 सितम्बर से खुल सकेंगे स्कूल
अनलॉक 3.0: कोरोना वायरस के चलते पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. यही वजह है कि चार महीने के लॉकडाउन के बाद सरकार ने ‘अनलॉक’ स्टार्ट कर दिया है. इस अनलॉक के अंतर्गत लोगों को धीरे धीरे कुछ नियम कायदों के साथ छूट दी जा रही है. इस बीच बहुत से लोगों के मन में यही सवाल मंडरा रहा है कि आखिर बच्चों के स्कूल कब से खुलेंगे? गौरतलब है कि इस कोरोना के चक्कर में बच्चों की पढ़ाई का भी बहुत नुकसान हुआ है. यह कोरोना देश में तब आया था जब परीक्षाओं का माहोल था. ऐसे में लगभग सभी राज्यों ने बच्चों को बिना एग्जाम लिए ही पास कर दिया था. लेकिन अब नए सत्र की क्लासेस कब से स्टार्ट होंगी, आइए जानते हैं.
केंद्र सरकार से मिले ताजा संकेतों पर नज़र दौड़ाएं तो इस बात की संभावना है कि 1 सितंबर 2020 से स्कूल खुल सकते हैं. हालांकि इसमें भी एक ट्विस्ट है. यह स्कूल खुलने की प्रक्रिया चरणबद्ध क्रम में होगी. इसके अंतर्गत स्टेप बाय स्टेप स्कूलों और कॉलेजों को 1 सितंबर से 14 नवंबर तक खोला जाएगा. 31 अगस्त तक केंद्र सरकार इस संबंध में पूरी गाइडलाइन भी जारी कर सकती है. बताते चलें कि स्कूल खोले जाने को लेकर अंतिम फैसला राज्य सरकारों का ही होगा.
पहले खुलेंगी 10वीं और 12वीं की कक्षा
खबरों की माने तो स्टार्टिंग में 10वीं और 12वीं की कक्षाओं को खोला जाएगा. इसमें भी शुरुआत के 15 दिन बच्चों को तय गाइडलाइन के अनुसार बुलाया जाएगा. मसलन यदि कक्षा 12वीं में चार सेक्शन हैं तो सेक्शन ए और सेक्शन सी के बच्चे निर्धारित दिनों में आएंगे जबकि बाकी बचे सेक्शन के बच्चे अन्य दिनों में आएंगे. वहीं स्कूल लगने का समय 5 से 6 घंटे तक सीमित रहेगा. इसमें भी बच्चों को क्लास में सिर्फ 2 से 3 घंटे बैठना होगा.
शिफ्ट में लगेगी क्लास
केंद्र सरकार द्वारा तैयार गाइडलाइन के अनुसार स्कूलों को शिफ्ट में लगाया जाएगा. पहली शिफ्ट सुबह सुबह 8 से 11 की होगी जबकि दूसरी 12 से 3 बजे तक रहेगी. बीच में एक घंटे का ब्रेक स्कूल और क्लासरूम को सेनिटाइज करने के लिए दिया गया है. इस दौरान स्कूल को अपने 33 फीसदी टीचिंग स्टाफ से ही काम चलाना होगा.
बता दें कि इस संबंध में सबसे पहला बयान असम सरकार का आया था. उन्होने कहा था कि वे 1 सितंबर से स्कूल खोलने को रैडी हैं लेकिन उन्हें केंद्र सरकार की गाइडलाइन का इंतजार है. सूत्रों की माने तो अन्य राज्य की सरकारें भी केंद्र की गाइडलाइन का इंतजार कर रही हैं.