अनुसूचित वर्ग की नाराजगी फिर भारी पड़ी मुन्ना लाल गोयल पर
ग्वालियर: ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का परंपरागत वोटर मतदान करने के नहीं निकला. अनुसूचित जाति वर्ग के वोटर की नाराजगी तमाम कोशिशों के बाद भी पार्टी दूर नहीं कर पाई. यह दोनों ही फैक्टर भाजपा प्रत्याशी मुन्नालाल गोयल पर भारी पड़ गए. मुन्नालाल गोयल ने शुरुआती मतगणना में बढ़त तो बनाई, लेकिन बढ़त के अंतर को तीन हजार मतों से ऊपर ले जाने में सफल नहीं हुए. उनको 2018 विधानसभा चुनाव में थाटीपुर व उसके आसपास के क्षेत्रों से बंपर वोट मिले थे. इस बार उसी क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी सतीश सिकरवार ने जीत के लिए दौड़ लगाई है. 24 से लेकर 30वें राउंड तक ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र की मतगणना में कई उतार-चढ़ाव नजर आए. उसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. आखिरकार सतीश सिकरवार का विधायक बनने का सपना साकार हो गया.
दोनों ही उम्मीदवारों ने दल बदलकर चुनाव लड़ा-
प्रदेश की ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट एकमात्र ऐसी सीट है जहां भाजपा व कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों ने दल- बदलकर चुनाव लड़ा. डा. सतीश सिकरवार व मुन्नालाल गोयल की पहचान भाजपा व कांग्रेस से थी. दोनों ही अविराम क्षेत्र में सक्रिय रहे. इस बार जनमत ने डा. सतीश सिकरवार को मौका दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यहां भी पूरा जोर लगाया. सभाएं और रोड-शो किए. वहीं सतीश सिकरवार को जिताने के लिए कमल नाथ व सचिन पायलट ने मोर्चा संभाला था.