रुमेटोलॉजी कॉन्फ्रेंस: विश्व स्तर के डॉक्टरों की टीम आएगी इंदौर, 200 से ज्यादा डेलीगेट्स भी होंगे शामिल…
भोपाल : भारतीय फिजिशियन्स और आर्थराइटिस एंड बोन केयर सोसाइटी के संयुक्त प्रयास के तहत, इंदौर ब्रांच ने रुमेटोलॉजी के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत करने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कॉन्फ्रेंस में विश्व स्तर के विशेषज्ञ रुमेटोलॉजिस्ट्स का समृद्धि से भरा समूह इंदौर आएगा, जो अर्थराइटिस के नए और प्रभावी उपायों पर जोर देने का निर्णय किया है। इस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य रुमेटोलॉजी में जागरूकता बढ़ाना है ताकि लोग इस रोग के नए और उन्नत इलाजों से परिचित हो सकें और उन्हें जरूरी जानकारी मिले ताकि वे स्वस्थ जीवन बिता सकें। जानकारी के अनुसार यह कॉन्फ्रेंस 28 जनवरी को शहर के ब्रिलियन्ट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगी।
कॉन्फ्रेंस की विशेषता:
कॉन्फ्रेंस की थीम ‘रुमेटोलॉजी अपटेड फ्रॉम लैब टू बे डसाइड’ है और जानकारी के मुताबिक इसमें कॉन्फ्रेंस में 4 विशेषज्ञ नेशनल स्पीकर्स भी शिरकत करेंगे। इनमें केरल के प्रो. विनोद रविन्द्रन, जयपुर के डॉ. राहुल जैन, तिरुपति के डॉ. पी दामोदरन, और कोलकाता के डॉ. प्रार्थजीत दास शामिल हैं, जो अपने विशेष शोध और अनुभव के लिए विश्व में मशहूर हैं। कॉन्फ्रेंस में एमडी फिजिशियन, रुमेटोलॉजिस्ट एमडी और डीनबी स्टूडेंट्स और करीब 200 डेलीगेट्स शामिल होंगे।
उद्देश्य और फोकस:
जानकारी के मुताबिक इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य रुमेटोलॉजी में जागरूकता फैलाना है ताकि लोग इस तकनीकी शाखा के महत्वपूर्ण विकासों के साथ अवगत हो सकें। इसके अलावा, पेशेंट्स के ट्रीटमेंट में लैब टेस्ट्स और उनके रिजल्ट्स को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने पर भी फोकस किया जाएगा।
डॉक्टरों का समृद्धि से भरा आगाज:
यह कॉन्फ्रेंस इंदौर में 28 जनवरी को होगी और इसमें डॉक्टर्स के साथ-साथ एमडी फिजिशियन, रुमेटोलॉजिस्ट एमडी और डीनबी स्टूडेंट्स और लगभग 200 डेलीगेट्स शामिल होंगे। यह समझाया गया है कि इस एकमात्र कॉन्फ्रेंस में नए और प्रभावी उपायों के साथ रुमेटोलॉजी की दुनिया में एक सामूहिक बदलाव देखा जा सकता है, जिससे लोग इस रोग के नए इलाजों से जुड़े हो सकते हैं।