BhopalMadhya Pradesh

समीक्षा बैठक : कमलनाथ ने कहा – जो कहते हैं, मैं एमपी छोड़ दूंगा तो वे सुन लें.. हम 2023 का चुनाव पूरी ताकत से लड़ेंगे

भोपाल। उपचुनाव में हुई हार की समीक्षा बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि मैं हार के बाद मध्य प्रदेश छोड़ दूंगा, तो वे सुन लें.. हम 2023 का चुनाव पूरी ताकत से लड़ेंगे। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव नजदीक हैं, जिसमें पूरी तैयारी के साथ जनता के बीच जाएंगे। उन्हाेंने आगे कहा, मैंने1 मई 2018 को जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभाला था, मेरे सामने संगठन को मजबूत करने की चुनौती थी। सामने चुनाव थे।
कमलनाथ ने कहा कि 15 साल से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं थी। कांग्रेस का झंडा हाथ में थामे रखने वाले हाथ में लेकर चल रहा कांग्रेस का कार्यकर्ता आशा कर रहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आए। मुझे सरकार में काम करने के लिए केवल 11 माह का वक्त मिला। इस दौरान मैं कई चुनौतियों से गुजरा हूं। किसानों की कर्जमाफी, युवाओं को रोजगार देना और प्रदेश में निवेश लाना प्राथमिकता रही।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जब मैंने सीएम पद से 20 मार्च को इस्तीफा दिया, तो मेरे सामने दो रास्ते थे। पहला – मैं सब छोड़कर चले जाऊं। दूसरा- यहीं रहकर प्रदेश की जनता की सेवा करूं। मैंने तय किया कि मैं यहीं रहकर प्रदेश की जनता की सेवा करूंगा, कांग्रेस जनों को अकेला नहीं छोडूंगा।’

हार की समीक्षा कर रिपोर्ट दें
उन्होंने उम्मीदवारों और जिला अध्यक्षों से कहा है कि वे उप चुनाव में हुई हार का विश्लेषण करें और रिपोर्ट सौंपें। दीपावली के बाद एकबार फिर बैठक कर मंथन किया जाएगा। बैठक में पूर्व मुख्यमंंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि सिंधिया के जाने के बाद हम ग्वालियर- चंबल में 16 में से 7 सीटें जीते हैं।

सिंधिया के काम का प्रेशर बनाते थे रिटायर्ड आईएएस अफसर
कमलनाथ ने कहा कि ‘सरकार में रहते मुझ पर सिंधिया का काम करने के लिए चार रिटायर्ड अफसरों का प्रेशर रहता था। वे हमेशा वल्लभ भवन में रहते थे। उन्होंने यह भी कहा कि सिंधिया समर्थकों द्वारा सरकार गिराने के षडयंत्र की हर मूवमेंट की जानकारी थी। उन पर छापे डलवाने विधायकों का दबाव मुझ पर था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि बदले की भावना मेरे डीएनए में नहीं है।

ये नेता बैठक में रहे मौजूद
बैठक में कमलनाथ-दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह के अलावा विधायक, जिला अध्यक्ष और उपचुनाव जीते और हारे उम्मीदवार शामिल रहे।