रिटायर्ड जज करेंगे गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच
लखनऊ। कानपुर के गैगस्टर विकास दुबे को 10 जुलाई की सुबह एनकाउंटर के तरीके को लेकर सवाल उठने पर सरकार ने रिटायर जज को कमीशन बनाकर जांच कराने का निर्णय लिया है। इसे एकल सदस्यीय जांच आयोग नाम दिया गया है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत अग्रवाल को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले एसआईटी, ईडी और कानपुर आयकर विभाग भी कानपुर शूटआउट की जांच कर रही है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि, आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा। आयोग दो जुलाई को बिकरू गांव में हुए घटनाक्रम के अलावा 10 जुलाई तक पुलिस और इस प्रकरण से सम्बंधित अपराधियों के बीच प्रत्येक मुठभेड़ की भी जांच करेगा। आयोग विकास दुबे और उसके साथियों की पुलिस तथा अन्य विभागों/ व्यक्तियों से सम्बंध रखने और शामिल होने वाले मामले की भी जांच करेगा। ऐसी घटना फिर न हो, इसके लिए सुझाव भी देगा। दो माह के अंदर आयोग पूरे मामले की जांच कर सरकार को सौंपेगा।
बिकरू शूटआउट केस में 3 दिन में चार और 8 दिन में छह एनकाउंटर हुए। 10 जुलाई की सुबह कानपुर से 17 किमी पहले भौंती में गैंगर विकास दुबे का एनकाउंटर किया गया था। इससे पहले 9 जुलाई को उसके करीबी प्रभात झा का कानपुर में और बऊआ दुबे का इटावा में एनकाउंटर हुआ था। 8 जुलाई को विकास का राइट हैंड और शार्प शूटर अमर दुबे हमीरपुर में मारा गया। चारों के एनकाउंटर में लगभग एक जैसी थ्योरी सामने आई कि वे पुलिस पर हमला कर भागने की कोशिश कर रहे थे। इससे पहले विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का 3 जुलाई को ही एनकाउंटर हो गया था।