आरबीआई की रिपोर्ट: मध्यप्रदेश में 2500 लोगों पर सिर्फ एक डॉक्टर, 1250 पर एक बिस्तर, नर्स सिर्फ आठ
भोपाल। मप्र में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर बेहद दयनीय है। यहां प्रति 10 हजार आबादी पर सिर्फ 4 डॉक्टर हैं यानी 2500 पर एक। नर्स और अन्य सहयोगी स्टाफ की संख्या सिर्फ 8 है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार प्रति 1000 लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए। भारत में 1,445 लोगों पर एक डॉक्टर है। जबकि उत्तर-पूर्वी राज्यों में 500 लोगों पर एक डॉक्टर है।
केरल में 125 लोगों पर एक नर्स या सहयोगी मेडिकल स्टाफ है। यह जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा राज्यों के बजट की स्वास्थ्य सुविधाओं से तुलना करने पर तैयार ताजा रिपोर्ट स्टेट फाइनेंस : ए स्टडी ऑफ बजट ऑफ 2020-21 से मिली है। इसके मुताबिक मप्र में राज्य सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) की तुलना में स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च सिर्फ 1.3% ही है। प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर खर्च 1284 रु. ही है। जबकि छत्तीसगढ़ में यह 1711 रु. है।