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आरबीआई एमपीसी की बैठक आज से शुरू, महंगाई, रेपो रेट, GDP समेत कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा, 5 अप्रैल को आएगा फैसला…

नई दिल्ली : आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक 3 अप्रैल यानि आज से शुरू हो चुकी है। यह वित्तवर्ष 2024-25 की पहली एमपीसी बैठक है। 5 अप्रैल सुबह 10 बजे को फैसलों की घोषणा होगी। मीटिंग का आयोजन आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता में किया गया है। इस दौरान अर्थव्यवस्था से संबंधित कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। केन्द्रीय बैन जीडीपी और मुद्रास्फीति का निरीक्षण करेगा। रेपो रेट को लेकर भी बड़ा फैसला हो सकता है।

फरवरी में आई सीपीआई मुद्रास्फीति में गिरावट

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में घटकर 5.09% तक पहुँच चुकी है। आंकड़ा आरबीआई के लक्ष्य के आसपास रहा। जनवरी में महंगाई दर 5.10% दर्ज की गई थी। आरबीआई एमपीसी बैठक में यह भी अहम मुद्दा बन सकता है। बता दें कि सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति 4% तक बनाए रखने का आदेश दिया है। वित्तवर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5% है। वहीं पहली तिमाही के लिए अनुमानित मुद्रास्फीति 5%, दूसरी तिमाही के लिए 4%, तीसरी तिमाही के लिए 4.6% और चौथी तिमाही के लिए 4.7% है। बैठक में मुद्रास्फीति के मोर्चे को संभालने के लिए अहम फैसला हो सकता है।

जीडीपी और Liquidity

फरवरी में मौद्रिक नीति बैठक के बाद तरलता घाटे (Liquidity) में भी गिरावट आई है। आरबीआई के सामने यह चुनौती खड़ा कर सकता है। वहीं वित्तवर्ष 2024 के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत की जीडीपी 8.4% की दर से बढ़ी। यह आरबीआई के अनुमान से काफी ऊपर रही।

रेपो रेट में क्या होगा बदलाव?

आरबीआई एमपीसी इस बार भी रेपो दरों को स्थिर रखने का निर्णय ले सकती है। विशेषज्ञों का मानना है आरबीआई मुद्रास्फीति का लक्ष्य पूरा करने के लिए दरों में बदलाव नहीं करेगा। वर्तमान में रेपो रेट 6.5% है। लगातार सात बार एमपीसी बैठक में भी दरों को बरकरार रखने का फैसला लिया है। इससे पहले फरवरी 2023 में दरों में 25 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि की गई है।