बलात्कारियों को सरेआम चौराहों पर फांसी के फंदे से लटका देना चाहिए – ऊषा ठाकुर
अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाली मध्य प्रदेश की पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर एक बार फिर चर्चा में हैं. उन्होंने ने कहा है कि बलात्कारियों को सरेआम चौराहों पर फांसी के फंदे से लटका देना चाहिए. उनके कोई मानव अधिकार नहीं होते. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि इसके लिए वे हस्ताक्षर अभियान तक चलाएंगी.
पर्यटन मंत्री ठाकुर ने कहा कि अंग्रेजों के बनाए कानूनों को भी बदलने की जरूरत है. इन कानूनों का सहारा लेकर आरोपियों को बचने के रास्ते मिलते हैं. रेपिस्ट को कड़ी से कड़ी सजा मिले उसके लिए वह अभियान चलाएंगी.
देश में 6 साल पहले हुई थी पिछली बार फांसी
बता दें, भारत में पिछली बार फांसी 1993 के मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन को जुलाई 2015 में दी गई थी. लेकिन, बलात्कार के मामले में आखिरी बार 2004 में पश्चिम बंगाल के आरोपी को दी गई थी. कोलकाता में एक 15 वर्षीय स्कूली छात्रा के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के मुजरिम धनंजय चटर्जी को 14 अगस्त 2004 को तड़के साढ़े चार बजे फांसी पर लटका दिया गया था.