BhopalIndoreMadhya Pradesh

रेप पीड़िता ने कोर्ट से मांगी गर्भपात की अनुमति

इंदौर। एक दुष्कर्म पीडि़ता ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर गर्भपात की अनुमति मांगी है। पीडि़ता ने कोर्ट को बताया कि एक युवक ने शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। गर्भवती होने की जानकारी दी तो उसने रिश्ता खत्म कर लिया। ऐसे में अब बच्चे को जन्म दूंगी तो यह बच्चा अवैध संतान होगी, जिसे लेकर समाज में मुझे तरह-तरह के सवालों से गुजरना पड़ेगा।


पीडि़ता के वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे ने बताया कि लसूडिया क्षेत्र निवासी दुष्कर्म पीडि़ता ने नंदा नगर निवासी युवक के खिलाफ रेप का प्रकरण दर्ज करवाया था। आरोपी ने पीडि़ता से कई बार शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया, जिसके चलते वह गर्भवती हो गई। पीडि़ता को जुलाई में पता चला कि उसे 6 सप्ताह का गर्भ है। इस पर उसने तत्काल युवक को शादी करने को कहा, लेकिन उसने टाल दिया और उससे दूरी बनाते हुए बात करनी बंद कर दी। इस पर पीडि़ता पुलिस के पास पहुंची और उचित कार्रवाई की मांग की।
मामले में पीडि़ता ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए मांग की है कि मेरे गर्भ में 6 सप्ताह का गर्भ पल रहा है, जो कि दुष्कर्म के जरिए हुआ है। यदि मैं इस बच्चे को जन्म दूंगी तो यह अवैध संतान होगी, जिसे लेकर समाज में हर कदम पर मुझे तरह-तरह के सवालों के जवाब से गुजरना पड़ेगा। साथ ही इस बच्चे के कारण मेरी भावी शादी पर भी खतरा होगा। इन सभी बातों को देखते हुए गर्भपात की अनुमति दी जाए। तर्क और बिंदुओं के आधार पर कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड सुपरिटेंडेंट अधीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि 5 विशेषज्ञों की बोर्ड समिति गठित की जाए और उस बोर्ड में एक महिला गायनाकोलॉजिस्ट को भी शामिल किया जाए, जिससे पीडि़ता का मेडिकल जांच से पता चल सके कि टर्मिनेशन के बाद उसे किसी प्रकार का खतरा तो नहीं है। इतना ही नहीं कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मेडिकल अधीक्षक को पीडि़ता के 6 सप्ताह के गर्भ को समापन के लिए के हरसंभव व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही कोर्ट ने पीडि़ता के भ्रूण के डीएनए को दर्ज करवाए गए अपराध में जरूरी साक्ष्य मानते हुए मेडिकल कॉलेज को डीएनए को संरक्षित करने के भी निर्देश दिए।