ग्वालियर से 44 साल पुराने सेल के यार्ड को हटाने की तैयारी, 30 फैक्ट्रियों और 150 बड़े कारोबारियों को दूसरे राज्यों से मंगानी पड़ेगी स्टील
ग्वालियर। केंद्र सरकार की कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) ग्वालियर से 44 साल पुराने यार्ड (जहां कंपनी से माल लाकर आपूर्ति के लिए रखा जाता है) को हटाकर कानपुर भेजने की तैयारी कर रही है। इस यार्ड से ग्वालियर और आसपास की 30 फैक्ट्रियों और 150 बड़े करोबारियों को हर महीने करीब 2000 टन स्टील की आपूर्ति की जाती है। यार्ड बंद हुआ तो इन फैक्टरी प्रबंधन और लोहा कारोबारियों को स्टील की खरीदारी के लिए देश के अन्य राज्यों पर निर्भर रहना पड़ेगा। इससे स्टील के दाम बढ़ेंगे।
लाेहा कारोबारियों के मुताबिक स्थानीय प्रबंधन की खामियों के कारण इंदौर, भोपाल और जबलपुर के सेल यार्ड की तुलना में ग्वालियर का यार्ड लक्ष्य के मुताबिक बिक्री नहीं कर पा रहा है। इसी कारण सेल ने इसे बंद करने का फैसला ले लिया है। लॉकडाउन से पहले करीब 1000 टन स्टील की बिक्री हो रही थी, जो कि अब सिर्फ 300 से 400 टन के बीच रह गई है। जबकि अंचल की 30 फैक्टरियां और करीब 150 व्यापारी हैं जो कि हर महीने सेल यार्ड से माल खरीदते हैं।
जिम्मेदार बोले
मेरी जानकारी में नहीं है मामला
मेरी जानकारी में सेल को ग्वालियर से शिफ्ट करने की जानकारी नहीं है। हां यह सही है कि इंदौर, भोपाल और जबलपुर यार्ड की तुलना में ग्वालियर में बिक्री कम है।
-राहुल तनेजा, शाखा प्रबंधक सेल यार्ड,ग्वालियर
प्रबंधन से मिली जानकारी
मुझे स्थानीय प्रबंधन द्वारा बताया गया है कि दिसंबर तक ग्वालियर से यार्ड को खत्म कर कानपुर भेजा जाएगा। यहां सिर्फ सेल्स के लोग रहेंगे
-मुकेश जैन, सेल के डीलर