गुना किसान परिवार से मारपीट में पुलिस को क्लीन चिट !
भोपाल। गुना में सरकारी ज़मीन से अवैध कब्ज़ा हटाने गयी पुलिस ने दलित किसान परिवार से मारपीट मामले में पुलिस मुख्यालय ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस को क्लीन चिट दे दी है। यह रिपोर्ट उसी पुलिस ने तैयार की है जिसने किसान परिवार को बेरहमी से पीटा था। सूत्रों के अनुसार पुलिस रिपोर्ट में पुलिस की गलती नहीं मानी गयी है। यानि इस मामले में मारपीट करने वाली पुलिस की कोई गलती नहीं थी। यह रिपोर्ट डीजीपी विवेक जौहरी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपेंगे।
सरकारी ज़मीन से अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस ने गुना में दलित किसान परिवार के साथ मारपीट की थी। खेत में उनकी खड़ी फसल पर जेसीबी चलवा दी थी। इससे आहत पीड़ित दंपति के कीटनाशक पीने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मारपीट के बाद शिवराज सरकार ने एक्शन लेते हुए कलेक्टर, एसपी और आईजी ग्वालियर को तत्काल प्रभाव से हटा दिया था।
पुलिस मुख्यालय ने मामले की जांच के लिए मौके पर दो सदस्यीय जांच दल अनुसूचित जाति कल्याण शाखा के डीआईजी आईपी अरजरिया एआईजी डालूराम तेनिवार 16 जुलाई को गुना गए थे। यह दल सभी तथ्यों की जांच कर 17 जुलाई को पुलिस मुख्यालय लौटा था। टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। वो डीजीपी को यह रिपोर्ट देगी और डीजीपी इसे सीएम शिवराज सिंह को सौंपेंगे।
पुलिस की गलती नहीं बतायी
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि जो रिपोर्ट सीएम शिवराज सिंह को सौंपी जाएगी, उसमें पुलिस की गलती नहीं दिखाई गई है। जबकि तस्वीरों और वीडियो में साफ तौर पर दिखाई दिया था कि पुलिस और खासतौर से महिला पुलिस ने किसान परिवार के साथ कितनी बर्बरता से मारपीट की थी। महिला पुलिस कर्मचारी तो पीड़ित दंपति को लात मारती हुई भी दिखाई दी थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि जब जमीन से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई जेसीबी से की जा रही थी, उस दौरान राजकुमार अहिरवार और उसकी पत्नी सावित्री अपनी झोपड़ी में गए और सावित्री ने कीटनाशक पी लिया. राजकुमार ने कीटनाशक पीने का प्रयास किया. बच्चों के शोर मचाने पर टीम ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया।
महिला आरक्षकों पर किया हमला
पुलिस टीम ने तो अपनी रिपोर्ट में ये तक कह दिया कि इसके बाद राजकुमार का भाई शिशुपाल मौके पहुंचा और महिला आरक्षकों पर हमला कर दिया. इस पर पुलिस जवानों ने बल प्रयोग किया. इस बीच शिशुपाल की मां गीता भी वहां आ गई और उसने शिशुपाल को रोकने की कोशिश की, जिसमें गीता को भी चोटें आयीं.