ओपिनियन पोल ने बदला रंग, पश्चिम बंगाल ने उड़ाई बीजेपी की नींद
पश्चिम बंगाल में बीजेपी की उम्मीदों को बड़ा झटका लगने जा रहा है. ये हम नहीं कर रहे, एक न्यूज़ चैनल के लिए कराया गया सी-वोटर का ओपिनियन पोल बता रहा है. एबीपी न्यूज़-सी वोटर के इस ओपिनियन पोल के मुताबिक पश्चिम बंगाल में एक बार फिर से ममता बनर्जी की ही सरकार बनने के आसार हैं. जबकि तमिलनाडु में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन इस बार बीजेपी की सहयोगी AIADMK को हराकर लंबे अंतराल के बाद सत्ता में वापसी कर सकता है. सी वोटर के ओपिनियन पोल में बीजेपी के लिए राहत की बात यही है कि असम और पुदुच्चेरी में उसकी सरकार बनने के आसार बताए गए हैं.
कुल मिलाकर सी वोटर का ओपिनियन पोल बीजेपी के लिए काफी निराशाजनक है, क्योंकि इस चुनाव में बीजेपी का सबसे ज़्यादा ज़ोर जिस पश्चिम बंगाल पर है, वहां सारी कोशिशों के बावजूद बीजेपी की राह काफी मुश्किल नज़र आ रही है. ओपिनियन पोल के मुताबिक एक बार फिर बंगाल की बाज़ी ममता बनर्जी मारने जा रही हैं. सी-वोटर ने पश्चिम बंगाल की 294 सीटों में से तृणमूल कांग्रेस के खाते में 148-164 सीटें जाने का अनुमान जताया है. जो बहुमत के लिए काफी है. हालांकि ओपिनियन पोल में बीजेपी की सीटें में तो जबरदस्त बढ़ोतरी दिखाई गई है, फिर भी कोलकाता की सत्ता उसकी पहुंच से दूर ही दिख रही है. बीजेपी को बंगाल में 92-108 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को 31-39 सीटें मिल सकती हैं.
ओपिनियन पोल पर यकीन करें तो बीजेपी को दूसरा बड़ा झटका दक्षिण भारत के सबसे बड़े राज्य तमिलनाडु में लगने वाला है. सर्वे में बीजेपी की सहयोगी और फिलहाल सत्ता पर काबिज AIADMK के तमिलनाडु में चुनाव हारने की भविष्यवाणी की गई है. उसकी जगह कांग्रेस की सहयोगी पार्टी डीएमके सत्ता में वापसी कर सकती है. तमिलनाडु में जगह-जगह कांग्रेस नेता राहुल गांधी का जिस तरह स्वागत हो रहा है, उनके कार्यक्रमों और रोडशो में जिस तरह भीड़ उमड़ रही है, उससे भी यही लगता है कि तमिलनाडु की जनता ने इस बार बदलाव का मन बना लिया है. ओपिनियन पोल में डीएमके गठबंधन को तमिलनाडु में 154-162 सीटें मिलने का अनुमान जाहिर किया गया है, जबकि AIADMK गठबंधन को महज 58-66 सीटें मिलने के आसार हैं. अन्य की झोली में 8 सीटें जाने के आसार हैं.
ओपिनियन पोल के मुताबिक केरल में एक बार फिर से लेफ्ट फ्रंट को जीत हासिल हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो यह केरल के पिछले राजनीतिक इतिहास से अलग होगा. राज्य में आम तौर पर हर चुनाव में सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड रहा है. वहां एक बार लेफ्ट फ्रंट तो दूसरी बार कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ की सरकार बनती रही है. इस ट्रेंड के लिहाज से इस दफा यूडीएफ की सरकार बनने की बारी है.
हालांकि असम और पुदुच्चेरी में बीजेपी के लिए राहत भरी खबर जरूर है. असम में बीजेपी के फिर से सत्ता हासिल करने के आसार बन रहे हैं। तो कुछ दिन पहले ही पुदुच्चेरी की सरकार गिराने वाली बीजेपी को चुनावों में फायदा मिलने की संभावना है. असम में बीजेपी को 68-76 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस को 43-51 वहीं अन्य के खाते में 5-10 सीटें मिलने का अनुमान है.
सी वोटर का सर्वे
हालांकि सी वोटर का यह सर्वे सामने आन के बाद असम के राजनीतिक समीकरण में एक बड़ा बदलाव हुआ है, जिसके चलते वहां भी बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. असम में बीती रात ही बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) ने बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को छोड़कर कांग्रेस से हाथ मिलाने का एलान कर दिया है. बीपीएफ ने पिछले विधानसभा चुनाव में 12 विधानसभा सीटें जीती थीं. इस लिहाज से उसका कांग्रेस के साथ आना असम में भी बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.
कुल मिलाकर सी वोटर का यह ओपिनियन पोल बीजेपी के लिए राहत भरी खबर देता नहीं दिख रहा है. क्योंकि सबसे ज़रूरी राज्य बंगाल बीजेपी के हाथों से दूर होता दिख रहा है. तमिलनाडु जैसे बड़े राज्य में भी उसे सत्ता की भागीदारी से दूर रहना पड़ सकता है. जबकि असम में उसके लिए सत्ता में बने रहना आसान नहीं लग रहा.