मध्यप्रदेश में एक बार फिर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच आई
मध्यप्रदेश में इनदिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. आषाढ़ के महीने में भी लोग उमस से बेहाल हैं. जुलाई का आधा महीना बीत जाने के बाद भी अच्छी बारिश नहीं होने से लोगों को गर्मी का कहर झेलना पड़ रहा है. प्रदेश में एक जून से 15 जुलाई के बीच सामान्य से 16 फीसदी कम वर्षा दर्ज की गई है. पन्ना में 69 फीसदी और मुरैना में 66 प्रतिशत कम बारिश होने से किसानों की परेशानियां बढ़ने लगी हैं. ग्वालियर, चंबल और मालवा निमाड के साथ बुंदेलखंड के कुछ जिलों में सामान्य से कम वर्षा होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच आई हैं.
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के ग्वालियर चंबल इलाकों के हाल बेहाल हैं. यहां के कई शहरों में औसत से कम बारिश हुई है. शिवपुरी में औसत बारिश का आंकड़ा 205.4 मिमी है जबकि 122 मिमी बारिश हुई है जो कि सामान्य से 41% कम है. श्योपुर की औसल बारिश 187.4 मिमी है लेकिन यहां 94 मिमी दर्ज हुई है, याने औसत से 49 % कम. मुरैना में 66 % बारिश दर्ज हुई है, यहां की औसत वर्षा 144 मिमी है जबकि अब तक केवल 49.5 मिमी बारिश हुई है. ग्वालियर में 52 % कम वर्षा हुई है, यहां अब तक केवल 84.4 मिमी वर्षा हुई है. जबकी ग्वालियर में 1 जून से 15 जुलाई के बीच की औसत वर्षा 177 मिमी होनी चाहिए थी. वहीं दतिया में 55 % कम वर्षा हुई है, यहां 182 मिमी की जगह केवल 81.2 मिमी बारिश हुई है.