ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर बोले दिग्विजय सिंह, पार्टी जो आदेश देगी उसका पालन करेंगे…
ग्वालियर : लोकसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कभी भी हो सकती है, भाजपा कांग्रेस टिकटों को लेकर मंथन कर रही है , इस बीच नेता मीडिया के सवालों केजवाब में अपनी इच्छा भी खुलकर बता रहे हैं, कोई अपनी पसंदीदा सीट को छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहता तो कोई नेता कह रहा है कि पार्टी जो आदेश देगी उसका पालन करेंगे। मध्य प्रदेश की सियासत में महाराजा और राजा के नाम से चर्चित ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच क्या इस बार लोकसभा में मुकाबला होगा ये सवाल इस समय प्रदेश की सियासत में गरमाया हुआ है, गुना शिवपुरी लोकसभा सीट सिंधिया की पारंपरिक सीट है पिछले बार का चुनाव छोड़कर वे यहाँ से सभी लोकसभा चुनाव जीते हैं और दिग्विजय सिंह गुना जिले की राघोगढ़ विधानसभा में रहते हैं।
नरोत्तम मिश्रा और डॉ गोविन्द सिंह की मुलाकात पर ये कहा दिग्विजय सिंह ने
भाजपा ने सिंधिया को गुना से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है अब चर्चा ये चल रही है कि उनके सामने कांग्रेस का कौन उम्मीदवार होगा? आज मंगलवार को ग्वालियर पहुंचे दिग्विजय सिंह से मीडिया ने जब सिंधिया के सामने चुनाव लड़ने का सवाल किया तो दिग्विजय सिंह ने कहा – हम तो कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता हैं पार्टी जो आदेश देगी उसका पालन करेंगे, नरोत्तम मिश्रा और डॉ गोविन्द सिंह की मुलाकात को दिग्विजय ने पुराने मित्र बताते हुए इसे सामान्य मुलाकात बताया।
बरैया का दावा कि भिंड से वे चुनाव सौ प्रतिशत जीतेंगे
उधर दतिया जिले की भांडेर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक फूलसिंह बरैया का नाम भी भिंड लोकसभा सीट से चर्चा में हैं, मीडिया ने जब उनसे चुनाव लड़ने पर सवाल किया तो बरैया ने कहा कि पार्टी यदि मुझे भिंड से प्रत्याशी बनाती है तो मैं चुनाव लडूंगा और जीतूँगा भी, विधानसभा चुनावों की तरह ही लोकसभा में भी कोई घोषणा के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं इस समय कोई घोषणा नहीं कर रहा क्योंकि पार्टी ने जब मेरी पहले नहीं सुनी तो अब क्या सुनेगी।
पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं के लिए क्या बोले बरैया?
पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन करने वाले या फिर कांग्रेस नेताओं की भाजपा से मुलाकात के सवाल पर फूलसिंह बरैया ने कहा कि कोई कहीं भी जाये इससे कोई फर्क नहीं पड़ता उन्होंने कहा कि मेरा दावा है , कांग्रेस का कोई नेता भाजपा में जाता है यो उसका वोट उसके साथ नहीं जाता, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा पार्टी को।