काली पट्टी बांधकर नर्सों ने किया विरोध प्रदर्शन
ग्वालियर: जूनियर डॉक्टरों के बाद अब प्रदेश की नर्सेज ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफा मोर्चा खोल दिया है. नर्सेस एसोसिएशन के सदस्यों ने घोषणा की है कि अगल उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो प्रदेशभर में 15 जून से काम बंद कर दिया जाएगा. शासन ने नाराज नर्सों ने बुधवार से आंदोलन शुरू कर दिया है. इसके तहत नर्सों ने ग्वालियर में 450 काली पट्टी बांधकर काम किया.
नर्सेस एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि कई बार शासन व प्रशासन को ज्ञापन के माध्यपम से नर्सेस की लंबित मांगों को लेकर समय समय पर अवगत कराता आ रहा है. लेकिन, हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया. वर्तमान में पूरा देश इस बात को मान चुका है कि इस कोविड -19 की महामारी में जो सबसे ज्यादा फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में उभर कर सामने आए हैं वह हमारी नर्सेस हैं. जान की परवाह न करते हुए उन्होंने देश पर आए इस संकट की घड़ी में अपना पूरा योगदान दिया.
एसोसिएशन ने कहा कि आंदोलन के तहत 10 जून को भी समस्त नर्सेस काली पट्टी बांध कर कार्य करेंगी. 11 को पीपीई किट पहनकर प्रदर्शन करेंगी, 12 को मानव श्रृंखला बनाई जाएगी और 13 को सभी कॉलेजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के द्वारा आम जनता को आने वाली परेशानियों के लिए क्षमा मांगते हुए एक बार फिर से शासन को जगाया जाएगा. इसी क्रम में 14 जून को को सांकेतिक धरना किया जाएगा और 15 जून को 2 घंटे का संपूर्ण कार्य बंद कर दिया जाएगा इसके बाद भी हमारी मांगे पूरी नहीं हुईं तो पूरी तरह काम बंद कर दिया जाएगा.
यह है नर्सेस की मांगे
-नर्सेस की मांगो को एक मंच पर लाकर उनका निराकरण करने की कृपा करें.
-पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू की जाए.
- कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजन को अनुकंपा नियुक्ति देने के साथ साथ 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्धा अवार्ड से सम्मानित किया जाए.
-कोरोना काल में शासन स्तर पर जितनी भी घोषणा की गई उन पर अमल नहीं किया गया कोविड-19 में नर्सेस को सम्मानित करते हुए अग्रिम दो वेतन वृद्धि का लाभ उनकी सैलरी में लगाया जाए.
-2018 के आदर्श भी नियमों में संशोधन करते हुए 70 % , 80 % एवं 90 % का नियम हटाया जाए एवं प्रतिनियुक्ति समाप्त कर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कि जाए.
-सरकारी कॉलेजों में सेवारत रहते हुए नर्सेस को उच्च शिक्षा हेतु आयु बंधन हटाया जाए एवं मेल नर्स को समान अवसर दिया जाए.
-कोरोना काल में अस्थाई रूप से भर्ती कि गई नर्सेस को नियमित किया जाए एवं प्राइवेट कम्पनी से लगाई गई नसों को भी उनकी योग्यता के अनुसार नियमित किया जाए कोरोना काल में इनके योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता. - माध्यप्रदेश में कार्यरत नर्सेस को एक ही विभाग में समान कार्य के लिए समान वेतन मान दिया जाए.
-वर्षों से लंबित पड़ी पदोन्नति को शुरू करते हुए नर्सेस की पदोन्नति की जाए और नर्सेस को डेजिग्नेशन प्रमोशन दिया जाए एवं अन्य राज्यो कि तरह नर्सेस के पद नाम परिवर्तित किए जाएं.
-प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में मेल नर्स की भर्ती की जाए.