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अब ‘मोहन’ से ही आस: शिक्षक भर्ती 2018 के अभ्यर्थियों ने सौंपा सीएम यादव को ज्ञापन, अधिकारियों की विसंगतियों से कराया अवगत…

भोपाल : मध्य प्रदेश का बेरोजगार युवा शासन-प्रशासन के अधिकारियों और मंत्रियों का आज भी चक्कर काटता हुआ दिखाई दे रहा है। जानकारी के मुताबिक शिक्षक भर्ती 2018 के पात्र, उत्तीर्ण अभ्यर्थी निरंतर भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण कराने के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं। दरअसल अब इन अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से आशा है कि पिछले 5 वर्षों से लंबित अपूर्ण भर्ती को मुख्यमंत्री समय सीमा में निश्चित ही पूर्ण करेंगे। जानकारी के मुताबिक विभाग द्वारा की गई विसंगतियों की मार झेल रहे अभ्यर्थी अब निरंतर शासन प्रशासन से ज्ञापन देकर भर्ती को पूर्ण कराने की मांग कर रहे हैं। सूचना के मुताबिक अभ्यर्थियों द्वारा कई बार विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को विसंगतियों से अवगत कराया गया है, परंतु अभ्यर्थियों का कहना है की कभी विभाग ने सरकार का हवाला दिया तो कभी कोर्ट केस का लेकिन भर्ती पूर्ण नहीं कि।

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के आदेश की, की अनदेखी:

वहीं मामले में सामने आया है की अभ्यर्थियों को हवाला दिया गया कि सरकार चाहे तो भर्ती पूर्ण कर सकती है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कई बार आदेशित करने के बाद भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के आदेश की अनदेखी की। जिससे अभ्यर्थियों के नजर में भी सरकार की छवि धूमिल हुई है।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से अभ्यर्थियों की गुहार:

इसी क्रम में 1 फरवरी 2024 को मुरैना जिले में रोजगार मेले में पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को शिक्षक भर्ती 2018 को पूर्ण कराने के लिए ज्ञापन सोनू किरार द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। जिसमे अभ्यर्थियों का कहना है कि 5 वर्षों से लंबित भर्ती आज तक अपूर्ण है इसे शीघ्र अति शीघ्र पूरा किया जाए। दरअसल कई अभ्यर्थी आयु सीमा को पार कर गए हैं। जानकारी के अनुसार जहां – जहां मुख्यमंत्री पहुंच रहे हैं वहाँ अभ्यर्थी अपनी मांगों से अवगत करा रहे हैं और विभाग के द्वारा की गई विसंगतियों से अवगत करा रहे हैं।

दरअसल विभाग ने बड़े पैमाने पर विसंगतियां की है जिनके कारण कई पद रिक्त रह गए है। अब उन पद पर वृद्धि के साथ अभ्यर्थी एक और काउंसलिंग की मांग कर रहे हैं। इसी को लेकर संगठन प्रमुख रक्षा जैन और रचना व्यास का कहना है की लोकसभा चुनाव कि आचार संहिता लगने से पहले काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाए जिससे 2018 शिक्षक भर्ती के इन्तजार कर रहे उत्तीर्ण अभ्यार्थियों के साथ न्याय हो सके।

जानें क्या था पूरा मामला ?

शिक्षक भर्ती 2018 का मुद्दा बीते कई सालों से चल रहा है, दरअसल विभाग द्वारा जो पद 2018 में निकाले गए थे वो आज खाली है। आज भी योग्य अभ्यर्थी परेशान होकर बेरोजगारी की मार झेल रहा है। वहीं, भर्ती से संबंधित कई मामले उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है। इस भर्ती के अपूर्ण होने के बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 2023 में नई परीक्षा आयोजित करा ली गई जबकि 2018 के रिक्त पदों के लिए अभ्यर्थी भी उपलब्ध थे। शिक्षा विभाग द्वारा एक भर्ती को पूरा किए बिना ही दूसरी भर्ती को निकाल दिया, जिससे हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार मय हो गया।