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अब होगा बंद व्यापार मेला इस समय, जाने क्या बदलाव हुये

ग्वालियर: श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला के संबंध में संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना की अध्यक्षता में व्यापारी संघ के साथ बैठक आयोजित की गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि ग्वालियर व्यापार मेला सप्ताह में चार दिन रात्रि 10 बजे तक खुला रहेगा. इसी प्रकार तीन दिन रात्रि 11 बजे तक खुला रहेगा. यह निर्णय व्यापारी संघ द्वारा की गई मांग के कारण लिया गया. बैठक में पुलिस महानिरीक्षक श्री अविनाश शर्मा, कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी, अपर कलेक्टर श्री रिंकेश वैश्य, एडिशनल एसपी सुश्री सुमन गुर्जर, मेला सचिव श्री निरंजन श्रीवास्तव, अन्य संबंधित अधिकारी तथा व्यापारी संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे.

ग्वालियर व्यापार मेला वर्तमान में सप्ताह में तीन दिन रात्रि 10 बजे तक तथा चार दिन रात्रि 9 बजे तक खुला रहता है. बैठक में व्यापारी संघ के पदाधिकारियों ने अवगत कराया कि मेला में आने वाले सैलानी गर्मी का मौसम होने के कारण रात्रि में देर तक मेला घूमते हैं. इसके बाद व्यापारी आरती करने के पश्चात अपनी दुकानें बंद करते हैं. इस कारण निर्धारित समय पर दुकानें बंद नहीं हो पाती हैं. इसलिये मेला के बंद होने का समय बढ़ाया जाए. व्यापारियों की इस समस्या के समाधान के लिये निर्णय लिया गया कि अब सप्ताह में चार दिन मेला रात्रि 10 बजे तक एवं तीन दिन रात्रि 11 बजे तक खुला रहेगा. दिन में मेला शुरू होने का समय दोपहर 12 बजे से रहेगा.

संभागीय कमिश्नर श्री सक्सेना को बताया गया कि व्यापार मेला में ठेले वालों के कारण दुकानदारों को समस्या होती है. इसके अलावा पीने के पानी एवं पानी के छिड़काव की भी समस्या रहती है. इस संबंध में कमिश्नर श्री सक्सेना ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि ठेले वालों को सख्ती से हॉकर्स जोन में भेजा जाए. साथ ही उनके व्यवसाय का भी पूरा ध्यान रखा जाए. इसी प्रकार पीने के पानी एवं छिड़काव के संबंध में उन्होंने समुचित व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए. नगर निगम के अधिकारियों को उन्होंने निर्देशित किया कि सफाई व्यवस्था पर नगर निगम के अधिकारी नियंत्रण रखें. यदि मेला प्रांगण में ठीक से सफाई नहीं होती है तो संबंधितों के विरूद्ध कार्रवाई करें. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के संबंध में उन्होंने निर्देश दिए कि मेला में बड़े कार्यक्रम कराए जाएँ. सप्ताह में कम से कम एक बड़ा कार्यक्रम अवश्य रखा जाए.