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मध्य प्रदेश में अब फसल घोटाला हुआ उजागर, शिवराज सरकार की माया कौन जान पाया

मध्य प्रदेश में अब फसल मुआवजा घोटाले की शुरुआत हो गई है. अब अधिकारी किसानों को दी जाने वाली फसल मुआवजा राशि में भी घपला करने पर उतारू हो गए हैं। ऐसा ही एक मामला भिंड का है जहां करीब 56 लाख का मुआवजा घोटाला हुआ है.

भिंड के चार गांव में किसानों के खातों में 56 लाख रुपये जमा करवा दिए गए हैं लेकिन जिनके खातों में पैसे डलवाये गए हैं उन्होंने तो फसल अभी तक बोई ही नहीं हैं. आये दिन शिवराज सरकार में नये नये घोटाले उजागर हो रहे हैं अब पटवारियों के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया गया है.

दरअसल पिछले साल भिंड जिले के हल्का झावलपुरा, धमसा, सर्व के चेक सर्वा, खेरिया राजू में गेहूं और सरसों की फसल ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हो गई थी. लेकिन सर्वा हल्का के पटवारी कुलदीप और तुकेड़ा के पटवारी निशांत पर आरोप है कि इन दोनों ने ओलावृष्टि से प्रभावित हुए चारों गांवों के 288 ऐसे किसानों के खातों में पैसे डलवाए, जिन्होंने फसल तक नहीं बोई थी.
 
आरोप है कि जब गोहद तहसीलदार ने रामजीलाल वर्मा ने बीते 1 मई को आरोपी पटवारियों से मुआवजा के लिए लाभार्थी किसानों की सूची मंगवाई. तब दोनों ने ऐसे 288 व्यक्तियों के खातों की सूची दे दी, जिनका फसल और फसल के नष्ट होने से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं था. यह हेर फेर करीब 56 लाख रुपए की बताई जा रही है.