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गोहद में किसानों का ऐलान – फसल सूखी तो किसी को वोट नहीं देंगे

भिंड। उपचुनाव में बिजली, पानी और सड़क मुद्दा न बने इसलिए भाजपा सरकार ने आचार संहिता लगने से इन्हीं मूलभूत आवश्यकताओं पर सबसे ज्यादा जोर दिया था। लेकिन किसानों को सिंचाई के लिए समय से पानी न मिलने पर अब यह मुद्दा बनता नजर आ रहा है। गोहद क्षेत्र की करीब 10 हजार बीघा जमीन में खड़ी धान की फसल सूखने की कगार पर है। ऐसे में गुस्साए ग्रामीणों ने अब चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना लिया है। गुरुवार को छरेंठा गांव के किसानों ने इस संबंध में एसडीएम शुभम शर्मा को एक आवेदन भी भेज दिया है। साथ ही उन्होंने साफ तौर पर कहा दिया है कि यदि फसल सूख गई तो वोट भी नहीं देंगे।
गोहद क्षेत्र को धान का मिनी कटोरा कहा जाता है। लेकिन इस बार औसत से 215 मिली मीटर कम बारिश होने की वजह से धान की फसल पर संकट खड़ा हो गया है। वहीं नहरों से भी धान की फसल की सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं दिया जा रहा है। स्थिति यह है कि एक अगस्त से 30 सितंबर तक दो किस्तों में 21 हजार क्यूसेक पानी नहरों में तो छोड़ा गया। लेकिन इसकी रफ्तार कम होने से यह टेल एंड तक नहीं पहुंच पाया, जिससे गोहद के 10 से ज्यादा गांव के लोग धान की फसल को पानी देने के लिए परेशान हैं।

किसी नेता को गांव में घुसने नहीं देंगे
गुरुवार को छरेंटा गांव के किसानों ने मीडिया को बुलाकर अपनी सूखी हुई फसलें दिखाते हुए कहा कि जब उनकी फसल ही सूख जाएगी तो वे चुनाव में वोट देकर क्या करेंगे। कर्जा लेकर किसी तरह से उन्होंने धान की रुपाई की थी। लेकिन अब पानी के अभाव में फसल सूखती देख उन्हें घबराहट हो रही है। अब तो उन्होंने मन बना लिया है कि जब हमारी कोई नहीं सुन रहा है तो हम भी चुनाव में किसी की नहीं सुनेंगे। गांव में किसी नेता को घुसने नहीं देंगे।
टू-आर और थ्री-नहर में नहीं आ रहा पानी
बताया जा रहा है गोहद क्षेत्र से गुजरी भिंड मेन केनाल में कम मात्रा में पानी छोड़े जाने की वजह से उसकी सहायक नहरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। भिंड मेन केनाल से जुड़ी टू-आर और थ्री-आर नहर में पानी न मिलने की वजह से उससे जुड़े छरेंठा, स्टेशन का पुरा, धमसा का पुरा, सर्वा, खनेता, मोती सिंह का पुरा, बूटी कुईया, हरगोविंद का पुरा, कीरतपुरा गांव के किसानों को पानी नहीं मिल रहा है। यहां ज्यादातर किसानों ने धान की रुपाई की है।
जिनको जरूरत नहीं वे भी ले रहे पानी
किसानों की इस समस्या पर सिंचाई विभाग के एसडीओ राजेंद्र कौशिक का कहना है कि मुख्य नहरों में पानी चल रहा है लेकिन जिन किसानों को पानी की आवश्यकता नही ंहै वे भी लगातार पानी ले रहे हैं, इससे टेल एंड तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जो किसान आवश्यकता पूर्ति होने के बाद भी पानी ले रहे है, उनको बंद कराकर टेल एंड तक पानी पहुंचाया जाएगा।