BhopalMadhya Pradesh

कांग्रेस में सिंधिया के समर्थकों की खैर नहीं

शिवपुरी। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आदेश उन कार्यकर्ताओं पर भारी पड़ रहा है जो कांग्रेस में रहने के बाद भी सिंधिया या भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए थे- जिस कार्यकर्ता पर यह शक हो कि वह चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया या भाजपा के साथ जा सकता है, ऐसे कार्यकर्ता से सिंधिया या भाजपा के विरोध में मीडिया में बयान जारी कराओ। बयान जिलाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी हों। शक के दायरे में आ रहा कार्यकर्ता अगर बयान पर हस्ताक्षर नहीं करे या आनाकानी करे तो उसे तत्काल पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दो।


प्रदेश में 22 विधानसभा सीटें ऐसी है, जहां के विधायकों ने सिंधिया के समर्थन में पद से इस्तीफा दिया है। ऐसे में कांग्रेस को लग रहा है कि इन क्षेत्रों में अब भी कई सिंधिया समर्थक कांग्रेस में ही हैं। कहीं ऐसा न हो, ऐन चुनाव के वक्त यह कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर सिंधिया या भाजपा के साथ चले जाएं। ऐसे में कमलनाथ ने संबंधित जिलाध्यक्षों से सजग रहने को कहा है।


प्रदेशाध्यक्ष ने जिलाध्यक्षों से कहा कि वे सोशल मीडिया पर भी नजर रखें। कोई कार्यकर्ता सिंधिया, भाजपा या उसके प्रत्याशी के समर्थन में या उनकी तारीफ करे, बधाई दे तो उसका स्क्रीनशॉट लेकर ऐसे कार्यकर्ता को भी पार्टी से निकाल दें।


हमने तय कर लिया कि अब दो नावों की सवारी नहीं चलेगी। यह स्पष्ट संदेश कार्यकर्ताओं को भी दे दिया गया है। कांग्रेस में अब वही रहेगा जो कांग्रेस हित की बात करेगा। अविश्वसनीय के लिए अब यहां कोई जगह नहीं है। शर्मा कहते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ साफ कहा है कि जिन पर शक हो उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएं।