मूंछें हों तो नत्थूलाल जैसी, वरना हो हीं न
अगर आप बॉलीवुड की फिल्मे देखते हैं तो आपने शराबी फिल्म का एक डायलॉग अवश्य सुना होगा. जिसमें अमिताभ बच्चन ने अपने यहाँ के एक कर्मचारी नत्थूलाल की मूंछों की तारीफ करते हुए कहा था कि मूंछें हों तो नत्थूलाल जैसी, वरना हो हीं न. मूंछों पर अमिताभ बच्चन का डायलॉग खूब चर्चित हुआ था. उज्जैन में भी एक ऐसे ही नत्थूलाल हैं जो अपनी मूंछों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं. उन्होंने 20 साल से अपनी मूंछ नहीं कटवायी है.उज्जैन आने वाले पर्यटक इनके साथ एक सेल्फी जरूर लेते हैं.
शहर के इंदौर रोड स्थित एक होटल में दरबान का काम करने वाले विजय सिंह ठाकुर की मूंछे 2 फीट लंबी हैं और यही मूंछे अब ठाकुर की पहचान बन चुकी हैं. अपनी लम्बी मूंछों के कारण होटल में आने वाले गेस्ट विजय सिंह के साथ सेल्फी जरूर लेते हैं.
मूंछों पर होता है 13 सौ रुपए का खर्चा
मूलतः उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के रहने वाले 51 वर्षीय विजय सिंह ठाकुर को मूंछे बड़ी करने का ऐसा शौक लगा कि 20 साल से मूंछें नहीं कटवाई हैं. मूंछे 2 फ़ीट की हो चुकी हैं. विजय सिंह ने बताया कि मूंछे बढ़ाना इतना आसान नहीं था. रोजाना इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. इसके लिए पैसा भी खर्च होता होता है. रोजाना मूंछे धोकर सुखाने के बाद उस पर हेयर वैक्स लगानी पड़ती है. इसका एक पैकेट 290 रुपये का आता है जो करीब 15 दिन चलता है. इसके अलावा रोज रात को सोते समय तेल लगाना पड़ता है. रोजाना क्रीम लगायी जाती है. मूंछों की देखभाल पर एक महीने में करीब 1300 रुपए खर्चा हो जाता है. लेकिन शौक के सामने खर्च के क्या मायने. वो साल में सिर्फ एक या दो बार मूछों को थोड़ा काटकर शेप देते हैं.
सेल्फी विथ मूंछ
ठाकुर की मूंछ अब सेल्फी की वजह बन गयी हैं. होटल में आने वाले लोग ठाकुर की मूंछे देखकर इतना प्रभावित होते हैं कि उनकी मूंछों की फोटोग्राफी के साथ साथ सेल्फी जरूर लेते हैं. ठाकुर बताते हैं कि कई बार महाकाल मंदिर दर्शन करने जाते हैं तो वहां पर भी उनके साथ सेल्फी लेने के लिए भीड़ लग जाती है. विजय सिंह कहते हैं कि इतनी बड़ी मूंछे कभी भी परेशानी का कारण नहीं बनीं और ना ही परिवार वालों ने कभी मना किया.