MP : यहां विस्तार से पढ़िए मोहन कैबिनेट बैठक के ये 6 बड़े फैसले, कईयों को मिलेगा लाभ…
भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में अहम कैबिनेट बैठक सम्पन्न हुई । इस बैठक में वृंदावन ग्राम और गीता भवन खोलने ,सीतापुर मोहासा-बाबई में इंडस्ट्रियल पार्क को डेवलप करने समेत कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई ।10 हजार लोगों को रोजगार देने के लिए नर्मदापुरम में 227 एकड़ में रिमूवल एनर्जी परियोजना की स्वीकृति दी गई है। बैठक में लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती के लिए 14 सदस्यीय समिति गठन को स्वीकृत दी गई है, इसके तहत साल भर कई धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।मध्य प्रदेश में देवी अहिल्या बाई की जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी।
जावद-नीमच दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना
- नीमच जिले की जावद-नीमच दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना लागत राशि 4 हजार 197 करोड़ 58 लाख रूपये, सैंच्य क्षेत्र 1 लाख 8 हजार 600 हेक्टेयर की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृत परियोजना से नीमच जिले की नीमच तहसील के 253 गाँव की 59700 हेक्टेयर एवं जावद तहसील के 212 गाँवों की 48900 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
मुरैना में मेगा लेदर, फुटवेयर एण्ड एसेसरीज़ क्लस्टर डेव्हलपमेंट पार्क
- औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर (द्वितीय चरण), जिला मुरैना में मेगा लेदर, फुटवेयर एण्ड एसेसरीज़ क्लस्टर डेव्हलपमेंट पार्क की स्थापना के लिए राज्य शासन की अंश राशि 111 करोड़ 4 लाख रूपये का बजट/वित्तीय अंश उपलब्ध करने की स्वीकृति दी गई।
- भारत सरकार को प्रेषित प्रस्ताव, औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर (द्वितीय चरण), जिला मुरैना में कुल क्षेत्रफल 161.7 एकड़ पर मेगा लेदर, फुटवेयर एण्ड एसेसरीज क्लस्टर की स्थापना का अनुमोदन किया गया।
- प्रस्तावित क्लस्टर में मान्य गतिविधियों अंतर्गत लेदर फुटवेयर, बैग्स, बैल्ट, जैकेट, गारमेंट, लेदर एसेसरीज़ जैसे कि वॉच स्ट्रैप, नॉन-लेदर फुटवेयर एवं लेदर से संबंधित अन्य विनिर्मित/तैयार उत्पाद, मेगा लेदर, फुटवेयर एण्ड एसेसरीज़ क्लस्टर डेव्हलपमेंट क्लस्टर, जिला-मुरैना में निवेशकों को भूमि के विकास शुल्क, भूमि प्रब्याजी तथा लीज रेंट में दिये जाने वाली छूट के वित्तीय भार की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा किये जाने का अनुमोदन किया गया।
- प्रस्तावित क्लस्टर में इकाइयों को भू-आवंटन के लिए प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की अध्यक्षता में समिति के गठन का अनुमोदन किया गया।
पॉवर एवं रिन्युबल एनर्जी इक्यूपमेंट मेन्युफेक्चरिंग जोन
- विद्युत एवं नवीकरणीय उर्जा के उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई जिला नर्मदापुरम में पॉवर एवं रिन्युबल एनर्जी इक्यूपमेंट मेन्युफेक्चरिंग जोन की स्थापना एवं संचालन के लिए औद्यानिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीनस्थ संस्था एमपी इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल को अधिकृत करने की स्वीकृति दी।
- मेन्युफेक्चरिंग जोन की स्थापना के लिए राज्य शासन की अंश राशि 93 करोड 50 लाख रूपये में से 40% राशि अर्थात राशि 37 करोड़ 40 लाख रूपये समायोजन के बाद शेष 60% राशि 56 करोड़ 10 लाख रूपये की प्रतिपूर्ति विभागीय बजट अंतर्गत प्राप्त राशि से किए जाने का अनुमोदन किया गया।
- निर्णय अनुसार पॉवर एवं रिन्युबल एनर्जी इक्यूपमेंट मेन्युफेक्चरिंग जोन में स्थापित होने वाली इकाइयों को प्रचलित उद्योग संवर्धन नीति 2014 यथा संशोधित के अतिरिक्त अन्य सुविधाएँ दी जायेंगी।
- विद्युत एवं नवीकरणीय उर्जा के उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र में विद्युत दर राशि रुपये 4.36 प्रति यूनिट प्रथम 05 वर्ष तक और इसके बाद 3% की दर से प्रतिवर्ष वृद्धि का अनुमोदन एवं मध्यप्रदेश नियामक आयोग द्वारा स्वीकृत विद्युत दर के अंतर की राशि की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा किये जाने, इकाइयों को विद्युत संयोजन दिनांक से 05 वर्षों के लिए विद्युत शुल्क की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा किये जानें, विद्युत एवं नवीकरणीय उर्जा के उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र में जल दर राशि रुपये 25 प्रति किमी प्रथम 05 वर्ष तक तत्पश्चात् 3% की दर से प्रतिवर्ष वृद्धि का अनुमोदन किया गया।
- पार्क में स्थापित होने वाली इकाइयों को भूमि संबंधी दस्तावेजों के लिखत प्रभार्य स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क की प्रतिपूर्ति किए जाने का अनुमोदन किया गया। प्रस्तावित पार्क में इकाईयों को भूमि आवंटन हेतु स्वीकृति का अनुमोदन किया गया। विकास शुल्क 35 वर्ष तक बिना कोई वृद्धि के वार्षिक दर 20 रूपये प्रति वर्ग मीटर किये जाने का अनुमोदन किया गया।
- भूमि प्रब्याजी रुपये 1 टोकन राशि पर भूमि आवंटित करने लीज रेंट वार्षिक दर एक रूपये प्रति वर्ग मीटर लिये जाने का अनुमोदन किया गया। प्रस्तावित पार्क में इकाईयों के भू-आवंटन हेतु प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन की अध्यक्षता में समिति के गठन का अनुमोदन किया गया।
सितम्बर में सागर और अक्टूबर में रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न कर रही है। हाल ही में 28 अगस्त को ग्वालियर में सम्पन्न कॉन्क्लेव में 15 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों सहित 4 हजार से अधिक प्रतिनिधि और निवेशक शामिल हुए। लगभग 400 बॉयर-सेलर मीट हुईं। करीब 8 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनके फलस्वरूप 35 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। आगामी 27 सितम्बर को सागर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की तैयारियां की जा रही हैं। अक्टूबर माह में रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी।
वृंदावन ग्रामों का विकास होगा, शहरों में प्रारंभ होंगे गीता भवन केन्द्र
- प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में एक वृंदावन गांव विकसित किया जाएगा। यह गांव स्वावलंबी एवं स्वच्छ और निर्मल होंगे। इनमें सामुदायिक भवन, सार्वजनिक शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं होंगी।
- वनांचल में वनोपज संग्रहण केन्द्र भी होंगे। पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के साथ ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों के उपयोग से ग्राम नए स्वरूप में सामने आएंगे। नगरीय क्षेत्रों में गीता भवन प्रारंभ किए जाएंगे, जो वैचारिक अध्ययन केन्द्र भी होंगे। यहाँ पठन-पाठन की व्यवस्था होगी।
- भारतीय संस्कृति से अवगत करवाने वाली पुस्तकों का संग्रह होगा और विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से साहित्य उपलब्ध करवाया जाएगा। नगरीय विकास और आवास विभाग इस अभिनव योजना की रूपरेखा तैयार करेगा, इसके बाद गतिविधियां प्रारंभ होंगी।
महेश्वर में अगली कैबिनेट बैठक
- सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मंत्रि-परिषद की आगामी बैठक खरगोन जिले के महेश्वर में रखी जाएगी। लोकमाता अहिल्या देवी के कार्यों से देशवासियों को परिचित कराने के लिए विविध आयोजन किए जाएंगे। होल्कर परिवार के न्यास (खासगी ट्रस्ट) की व्यवस्था द्वारा पति की ओर से पत्नी को आय का 25% अंश प्रदान करने की परम्परा की जानकारी भी दी। लोकमाता अहिल्या देवी ने निजी राशि से देश के अनेक स्थानों में मंदिरों के निर्माण और सार्वजनिक सुविधाओं के विस्तार के कार्य किए।
- एमपी सरकार ने 14 सदस्यीय समिति गठित की है, जो अहिल्या देवी की जन-कल्याण की भावना के साथ आत्म-निर्भर बनाने के उनके प्रयत्नों को व्यवहार में परिणित करने के संबंध में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन का निर्णय करेगी। संस्कृति विभाग और अन्य विभागों की भागीदारी से सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के आयोजन की रूपरेखा तैयार की जा रही है।