MP : यहां विस्तार से पढ़िए मोहन कैबिनेट के 7 बड़े फैसले, शिक्षकों-कर्मचारियों को भी तोहफा…
भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार शाम मुख्यमंत्री डाॅ.मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के विलय,मल्हारगढ़ उद्वहन सिंचाई परियोजना के लिए 87 करोड़ 25 लाख रूपये की स्वीकृति, रतलाम जिले में तलावड़ा बैराज के निर्माण के लिये 264 करोड़ रूपये की स्वीकृति समेत 7 बड़े फैसले लिए गए।इसके अलावाबैठक में जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत आने वाली अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं के शिक्षक व कर्मचारियों को छठा वेतनमान देने का निर्णय लिया गया।
मोहन कैबिनेट के 7 बड़े फैसले
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग/ चिकित्सा शिक्षा विभाग के विलय
- कैबिनेट बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के विलय की स्वीकृति दी गई। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग का विलय कर “लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग” के रूप में पुनर्गठित किया जायेगा।
- मेडिकल कॉलेज रूटीन चिकित्सा सेवाएं देने के बजाय अति गंभीर/विशिष्ट उपचार, चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे। शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर की प्रभावी निगरानी हो सकेगी। मेडिकल कॉलेजों की बेस्ट प्रेक्टिसेस का स्वास्थ्य केन्द्रों में उपयोग किया जा सकेगा। मेडिकल कॉलेजों से जिला चिकित्सालयों को संबद्ध करना आसान हो जाएगा। स्वास्थ्य नीति और विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन एवं नियंत्रण में सुविधा मिलेगी। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में दोनों विभागों के विलय की अनुशंसा की गई थी।
मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम, 2011 के प्रावधानों में संशोधन
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम, 2011 के प्रावधानों में संशोधन की स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय चिकित्सा, दंत चिकित्सा, नर्सिंग, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, नेचरोपैथी आदि में पाठ्यक्रम संचालित करता है। नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थाओं और छात्र-छात्राओं की संख्या में वृद्धि को देखते हुए आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय को नर्सिंग एवं पैरामेडिकल को छोड़कर अन्य विषयों के पाठ्यक्रम संचालित करने का दायित्व दिया जायेगा। नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विषयो से संबंधित पाठ्यक्रम का संचालन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित अन्य विश्व विद्यालयों के माध्यम से किया जायेगा।
मल्हारगढ़ उद्वहन सिंचाई परियोजना के लिए 87 करोड़ 25 लाख रूपये से अधिक की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा अशोकनगर की तहसील मुंगावली में बेतवा नदी पर 87 करोड़ 25 लाख रूपये लागत की मल्हारगढ़ उद्वहन सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दी गयी है। परियोजना से मुंगावली तहसील के 26 ग्रामों के 7500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।
रतलाम जिले में तलावड़ा बैराज के निर्माण के लिये 264 करोड़ रूपये की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने रतलाम जिले में पेयजल आपूर्ति विस्तारित करने के लिए माही एवं मझोडिया समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत तलावड़ा बैराज (बांध) लागत रुपए 264 करोड़ 1 लाख रूपए की स्वीकृति दी है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत परियोजना से रतलाम जिले के 1011 ग्राम लाभान्वित होंगे। इसका निर्माण एवं रखरखाव जल संसाधन विभाग द्वारा किया जायेगा।
जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 में संशोधन
मंत्रि-परिषद ने जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 में संशोधन के लिए संसद को भेजे जाने वाले प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। कानून में जल प्रदूषण से जुड़े छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटाने और जुर्माने का प्रावधान करने जैसे संशोधन प्रस्तावित है।
सभी जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना का निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतंर्गत प्रदेश के सभी जिलों में 1-1 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित करने की स्वीकृति दी है। प्रदेश के 55 जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित किया जायेगा। चयनित महाविद्यालयों में अतिरिक्त 1845 शैक्षणिक पदों व 387 अशैक्षणिक पदों की स्वीकृति दी गयी है। इसके लिए कुल 485 करोड़ रूपये के व्यय की स्वीकृति दी गयी।
छठवें वेतनमान की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं के शिक्षकों/कर्मचारियों को 1 जनवरी 2006 से छठवें वेतनमान का लाभ देने एवं 206 करोड़ 80 लाख रूपये के अनुमानित व्यय का अनुमोदन दिया गया है। वही मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश माल एवं सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2024 में संशोधन की स्वीकृति दी गई।