MP : 24 जनवरी को महेश्वर में होगी मोहन कैबिनेट बैठक, लिए जा सकते है कई बड़े फैसले, इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा…
भोपाल : 24 जनवरी को मध्य प्रदेश के खरगोन के महेश्वर में सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक बुलाई गई है ।मंत्रि-परिषद की अगली बैठक मालवा की महारानी लोकमाता अहिल्या देवी को समर्पित की जाएगी।कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य महेश्वर के प्रसिद्ध अहिल्या किले में राजगद्दी के दर्शन करेंगे।
सीएम यादव ने कहा है कि वर्ष 2025 मालवा की महारानी पुण्यश्लोका अहिल्या देवी का 300वां जयंती वर्ष है। हमारी सरकार ने देवी अहिल्या माता की 300वीं जयंती मनाने का निर्णय लिया है। इस उपलक्ष्य में हम पूरे वर्ष अलग-अलग कार्यक्रम कर रहे हैं। मंत्रि-परिषद बैठक मालवा की महारानी लोकमाता अहिल्या देवी को समर्पित की जाएगी। बैठक 24 जनवरी को लोकमाता की राजधानी रही धार्मिक नगरी महेश्वर में होगी।वे स्वयं और सभी मंत्रीगण मिलकर अहिल्या माता को समर्पित बैठक के लिए महेश्वर जाएंगे और यही लोकमाता को, उनके सद्कार्यों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
बैठक में लिए जा सकते है बड़े फैसले
- नई आबकारी नीति के प्रस्ताव पर विचार
- प्रदेश में बस सेवा शुरू करने को मंजूरी । कुछ चयनित रूटों पर बसे चलाने की तैयारी । बैठक के बाद परिवहन विभाग आगे की कार्रवाई तेज करेगा।बस सेवा संचालित करने के लिए एक कंपनी स्थापित की जाएगी, जो प्रदेश में यात्री बसों का संचालन करेगी।
- राज्य सरकार की योजना के अनुसार प्रदेश के धार्मिक शहरों में अगले वित्त वर्ष अप्रैल 2025 से शराब की दुकानें पूरी तरीके से बंद की जाएंगी।धार्मिक शहरों में शराब बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर चर्चा।
- कैबिनेट की मीटिंग बाद मुख्यमंत्री यादव मंडलेश्वर में कई विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगे।मंडलेश्वर में आयोजित कार्यक्रम मुख्यमंत्री 774 करोड़ रुपए की महेश्वर-जाना पाव उद्वहन सिंचाई योजना का शिलान्यास करेंगे।इससे खरगोन जिले के महेश्वर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होगा।
लोकमाता अहिल्या देवी का जीवन परिचय
- लोकमाता देवी अहिल्याबाई भारत के इतिहास में एक महान शासिका, समाज सुधारक और धर्मपरायण नेत्री के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनका जीवन त्याग, नारी सशक्तिकरण, धर्म और न्याय के आदर्शों से प्रेरित है।
- देवी अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले के चौंडी गांव में एक साधारण मराठा पाटिल परिवार में हुआ था।
- उनके पिता का नाम मनकोजी शिंदे था। उनका विवाह 1733 में श्री खंडेराव होल्कर से हुआ, जो मालवा के शासक श्री मल्हारराव होल्कर के पुत्र थे।
- वर्ष 1754 में श्री खंडेराव होल्कर की मृत्यु के बाद, अहिल्याबाई ने अपने जीवन को राज्य और प्रजा की सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
- श्री मल्हारराव होल्कर की मृत्यु (1766) के बाद अहिल्याबाई ने इंदौर की गद्दी संभाली।
- उनका शासनकाल (1767-1795) न्यायप्रियता, कुशल प्रशासन, और समाज कल्याण के लिए जाना जाता है।
- देवी अहिल्याबाई ने महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए काम किया।
- शिक्षा और धर्म के माध्यम से समाज में एकता और सामंजस्य बढ़ाया।
- देवी अहिल्याबाई ने कुशल प्रशासन से अपने राज्य को एक सुव्यवस्थित और समृद्ध क्षेत्र बनाया था।
- लोकमाता अहिल्या देवी का जीवन धार्मिकता, त्याग और करुणा का प्रतीक था। वे न केवल एक कुशल शासिका थीं, बल्कि एक आदर्श नारी और माता भी थीं।
- लोकमाता अहिल्या देवी के शासनकाल, उनकी कर्तव्यपरायणता, धर्म परायणता, सुशासन, दानशीलता, धार्मिकता आदि गुणों से हमें सद्मार्ग और सुशासन के जरिए लोक-कल्याण की असीम ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है।