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MP : दूल्हा बने भगवान महाकाल, साल में एक बार ही होते हैं ऐसे मनमोहक दर्शन, जानिए क्या है महत्व…

भोपाल : उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भगवान महाकाल को दूल्हे की तरह सजाया जाता है. भगवान का सेहरा सजाकर उनका शृंगार किया जाता है. इसके लिए सप्तधान अर्थात् अलग-अलग प्रकार के धान, देश-विदेश से आए फूलों का उपयोग किया जाता है. महाकालेश्वर मंदिर के पंडित राम पुजारी के अनुसार, साल भर में एक बार भगवान महाकाल का सेहरा सजाया जाता है. इसके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से शिव भक्त उज्जैन पहुंचते हैं.

वैसे तो भगवान महाकालेश्वर के प्रतिदिन अलग-अलग शृंगार किए जाते हैं, लेकिन सेहरा सजाकर दूल्हे के रूप में भगवान वर्ष में एक बार ही दर्शन देते हैं. महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के सेहरे की आरती की गई.

ऐसी मान्यता है कि दूल्हे स्वरूप के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि भगवान महाकाल के सेहरे की सजावट के लिए पंडित और पुरोहितों द्वारा कई घंटे तक मेहनत की जाती है.

महाशिवरात्रि के अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में भस्म आरती नहीं होती, बल्कि भगवान दूल्हे के रूप में सभी को दर्शन देते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में होने वाली भस्म आरती दोपहर 12:00 बजे होती है. इसलिए गुरुवार दोपहर 12:00 बजे भस्म आरती होगी. इसके बाद महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व का समापन होगा.