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MP : जीतू पटवारी ने कर्ज के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरा, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से किए सवाल…

भोपाल : कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को कर्ज के मुद्दे पर घेरा है। जीतू पटवारी ने कहा है कि बीजेपी  सरकार द्वारा फिर 5 हजार करोड़ के कर्ज की खबर आई है और ये एमपी को कर्ज में डुबो रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि ‘मंत्रियों के बंगलों, महंगी गाड़ियों, मुख्यमंत्री जी के उड़न खटोले के लिए सरकार और कितना कर्ज लेगी।’ बता दें कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी कर्ज के मुद्दे पर मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साध चुके हैं। कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि आंकड़ों पर निगाह डालें तो अब तक मध्य प्रदेश के ऊपर करीब 4 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो चुका है। एक वित्त वर्ष में ही प्रदेश में कर्ज में 38% की वृद्धि होने जा रही है। उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश में पहले भाजपा की शिवराज सिंह चौहान सरकार और अब डॉक्टर मोहन यादव की सरकार लगातार कर्ज लेती चली जा रही है।

कांग्रेस ने कर्ज के मुद्दे पर MP सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि ‘मुख्यमंत्री मोहन यादव जी, आपकी विदेश यात्रा की लक्ज़री अभी चल ही रही है कि बीजेपी  सरकार द्वारा फिर 5 हजार करोड़ के कर्ज की खबर आ गई! पिछले 11 महीने में ही 40,500 करोड़ का कर्ज जोड़ लें, तो हम 3 लाख 90 हजार करोड़ से ज्यादा के कुल कर्ज पर पहुंच गए हैं! गरीब किसान, लाड़ली बहनें पूछ रही हैं, मंत्रियों के बंगलों, महंगी गाड़ियों, मुख्यमंत्री जी के उड़न खटोले के लिए और कितना कर्ज लेंगे?’

पटवारी इससे पहले भी कर्ज के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेर चुके हैं। उन्होंने इससे पहले आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी जी के चुनावी वादे और “मोदी की चुनावी गारंटी” के बावजूद लाड़ली बहनों को ₹3000 प्रतिमाह नहीं दिए जा रहे है। धान का समर्थन मूल्य ₹3100 प्रति क्विंटल घोषित करने के बावजूद नहीं दिया गया। वहीं गेहूं को लेकर भी ₹2700 प्रति क्विंटल सिर्फ “चुनावी जुमला” ही साबित हो रहा है। सरकारी भर्तियों में खुलेआम धांधली चल रही है। युवा सड़कों पर उतरकर भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे है और इन सबके बावजूद बीजेपी की प्रदेश सरकार बेपरवाह है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक ओर आर्थिक अराजकता का बढ़ता दायरा प्रदेश को कर्जदार बना रहा है, वहीं दूसरी तरफ युवा, गरीब, किसान और महिलाएं सरकारी वादे की पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।