मध्य प्रदेश GRP ने शुरू किया चलता-फिरता थाना
ट्रेनों में कई बार हमारे साथ हादसे हो जाते हैं. जिनको लेकर हम शिकायत भी नहीं कर पाते हैं. हम यह असमंजस में रहते हैं कि शिकायत किस तरीके से की जाए, जिससे त्वरित कार्यवाही हो सके. जिसके समाधान को लेकर रेलवे ने चलता-फिरता थाना शुरू किया है.
इंदौर जीआरपी द्वारा चलता-फिरता थाना शुरू किया गया है. जिसकी मदद से अगर किसी व्यक्ति के साथ यात्रा के दौरान ट्रेन में कोई हादसा हो जाता है, ऐसे में वह एक मोबाइल एप्लीकेशन पर इसकी शिकायत करेंगे तो जीआरपी के जवान खुद पीड़ित के पास पहुंच जाएंगे. इंदौर जीआरपी पुलिस को फिलहाल इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है.
एप्लीकेशन पर करनी होगी शिकायत
बता दें कि एमपी जीआरपी का एक मोबाइल एप है, जिसे “जीआरपी एमपी हेल्प एप्लीकेशन” नाम दिया गया है. यात्रियों को अपने फोन में इसे डाउनलोड करना पड़ेगा. ट्रेन में यात्रा के दौरान अगर किसी यात्री के साथ कोई हादसा हो जाता है तो वह इस एप पर शिकायत कर सकते हैं. जिसके बाद जीआरपी पुलिस के जवान उनके पास तत्काल पहुंचेंगे और ट्रेन में ही एफआईआर दर्ज करेंगे.
जवानों को दी जा रही है ट्रेनिंग
यदि किसी यात्री के पास इस एप की सुविधा नहीं है तो वह स्टेशन पर, टीटी से या पुलिसकर्मियों को भी शिकायत कर सकते हैं. फिलहाल पुलिसकर्मियों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है कि वह किस तरह से शिकायतों पर कार्रवाई करेंगे. यह ट्रेनिंग इंदौर, जबलपुर और भोपाल, तीनों यूनिट के जवानों को दी जा रही है.
जीआरपी ने हाल ही में इंदौर प्रयागराज एक्सप्रेस में इस चलते फिरते थाने का डेमो किया था. जीआरपी का उद्देश्य है कि इस सेवा से ट्रेन में अकेले सफर कर रहीं युवतियां और महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर सकेंगी.