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MP : खंडवा में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिएक्टर स्केल पर 3.6 आंकी गई तीव्रता, पढ़ें यह खबर…

भोपाल : शुक्रवार सुबह करीब 9 बजकर 4 मिनट पर खंडवा में भूगर्भीय हलचल के कारण लोग घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो गए। अचानक धरती में कंपन और विस्फोट जैसी आवाज सुनाई देने से लोग डर के मारे अपने घरों से निकलकर कॉलोनी के मैदान या सड़कों पर आ गए। हालांकि अभी तक इससे कोई भी नुकसान होने की जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं भूकंप का केंद्र खंडवा से दस किलोमीटर दूर था।

हलचल से मचा हड़कंप:

दरअसल शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों ने भूकंप जैसे झटके महसूस किए। नागचून रोड स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, एलआईजी, कीर्ति नगर, नवकार नगर, गुलमोहर कॉलोनी, आनंद नगर, माता चौक, इमलीपुरा, हातमपुरा, सिंघाड़ तलाई, छैगांवमाखन आदि जगहों से लोगों ने इसकी पुष्टि की। जलेबी चौक गुलमोहर कॉलोनी में एक व्यक्ति को चाय पीने के दौरान कंपन महसूस हुआ। जबकि कीर्ति नगर में भी भूकंप के झटके महसूस होने के चलते लोग घरों से बाहर आ गए। हातमपुरा, शिवाजी चौक पर भी लोगों ने कंपन महसूस किया।

ग्रामीण इलाकों में भी महसूस किए गए झटके:

खंडवा जिले के ग्रामीण इलाकों में भी झटके महसूस किए गए हैं। लोगों ने बताया कि अचानक झटके महसूस होते ही वे घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, किसी भी हताहत की सूचना नहीं मिली है, लेकिन इस घटना ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। कई इलाकों में लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सहमे हुए दिखे।

स्थानीय निवासियों ने दी जानकारी:

वहीं बाहेती कॉलोनी के नारायण जोशी ने बताया कि वह मंदिर में पूजा कर रहे थे जब उन्हें पैरों के नीचे कंपन महसूस हुआ। तपस्वी बाबा मंदिर मार्ग के देव भावसार ने भी इसी प्रकार का अनुभव किया। ग्रामीण इलाकों में भी झटके महसूस किए गए हैं। लोगों ने बताया कि अचानक झटके महसूस होते ही वे घरों से बाहर निकल आए।

भूकंप क्यों आता है?

भूकंप तब आता है जब जमीन के नीचे प्लेटों में हलचल होती है। इन प्लेटों के टकराने और दबाव बढ़ने से ऊर्जा बाहर निकलती है, जिससे भूकंप आता है। यह ऊर्जा प्लेटों के बार-बार टकराने से उत्पन्न होती है, और जब यह ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है, तब भूकंप के झटके महसूस होते हैं।

भूकंप से कैसे बचें?

भूकंप आने पर तुरंत खुले क्षेत्र में चले जाएं, लिफ्ट का उपयोग न करें।
घर में गैस सिलेंडर और बिजली का मेन स्विच बंद कर दें।
वाहन न चलाएं और न ही किसी वाहन में यात्रा करें।
सुरक्षित और ढके हुए स्थान पर खड़े हो जाएं।
कुएं, तालाब, नदी, समुद्र और कमजोर मकानों के पास न खड़े हों।