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MP : ग्वालियर-चंबल की चारों सीट पर BJP का कब्ज़ा बरकरार, कांग्रेस को दी करारी शिकस्त…

भोपाल : मध्य प्रदेश में भाजपा ने 29 कमल के फूलों की माला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करने का संकल्प पूरा कर लिया है, भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रदेश की सभी सीटें जीत लीं, इसमें भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली ग्वालियर चम्बल की वे चारों सीट भी शामिल हैं जहाँ से भाजपा पिछले 2019 के लोकसभा चुनव में भी जीती थी।

ग्वालियर, गुना, मुरैना और भिंड में BJP का कब्ज़ा बरक़रार 

ग्वालियर चंबल अंचल की चार सीट ग्वालियर, भिंड, मुरैना और गुना एक बार फिर भाजपा ने जीत ली हैं, ग्वालियर से भाजपा के भारत सिंह कुशवाह ने करीब 70 हजार वोटों के अंतर से कांग्रेस के प्रवीण पाठक को हराया, भिंड से सांसद संध्या राय ने कांग्रेस के विधायक फूलसिंह बरैया को 63 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया, मुरैना सीट से भाजपा के शिवमंगल सिंह तोमर ने कांग्रेस ने सत्यपाल सिंह सिकरवार(नीटू) को 52 हज़ार से अधिक वोटों के अंतर से हराया और गुना से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस प्रत्याशी यादवेन्द्र राव देशराज सिंह को करीब 5,40,929  वोटों से करारी शिकस्त दी है।

2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने जीती थी ये चारों सीट  

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में ग्वालियर से भाजपा प्रत्याशी विवेक नारायण शेजवलकर जीते थे, मुरैना से नरेंद्र सिंह तोमर चुनाव जीते थे, भिंड से संध्या राय जीती थीं और गुना सीट से भाजपा के केपी यादव जीते थे उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराया था।

बड़े नेताओं से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई 

ग्वालियर चंबल की चारों सीटों पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों ने यहाँ जमकर मेहनत की, इसके अलावा प्रदेश संगठन के अन्य नेताओं ने भी जमीनी स्तर पर काम किया, भाजपा के प्रदेश मंत्री लोकेन्द्र पाराशर भिंड में जमे रहे, उन्होंने लगातार संगठन के नेताओं के साथ मिलकर परिणाम को भाजपा के पक्ष में आने तक कमान नहीं छोड़ी वहीं ग्वालियर और मुरैना में पार्टी के जिला अध्यक्षों, ग्रामीण अध्यक्षों प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं ने जी-तोड़ मेहनत की और सीटों प्रदर्शन को दोहरा दिया।

सिंधिया परिवार ने भी गाँव गाँव की धूल फांकी 

ग्वालियर चंबल की गुना सीट को छोड़ दें तो ग्वालियर , मुरैना और भिंड सीट नरेंद्र सिंह तोमर के टिकट थे और वो उसे जिताने में सफल रहे और पार्टी में अपने कद को कम नहीं होने दिया, उधर गुना सीट पर भाजपा संगठन के साथ साथ  सिंधिया के परिवार ने भी बहुत मेहनत की, ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे और बेटा महानआर्यमान सिंधिया भी गाँव गाँव घूमें , धूल फांकी और परिणाम अपने पक्ष में करने में सफलता हासिल की।

कांग्रेस के वादों पर भरोसा नहीं कर पाई ग्वालियर चंबल की जनता 

उधर कांग्रेस ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी, प्रियका गांधी, जीतू पटवारी सहित कई बड़े राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेता ग्वालियर चंबल में आये उन्होंने यहाँ अंचल की नब्ज टटोलने और फिर उसे दबाने की कोशिश की लेकिन वे उसमें कामयाब नहीं हो पाए, ग्वालियर चंबल की जनता को कांग्रेस के वादों पर भरोसा नहीं हुआ हालाँकि कांग्रेस मुरैना और ग्वालियर सीट जीतने को लेकर आश्वस्त दिख रही थी लेकिन अंतिम परिणाम उसके अनुकूल नहीं आया।