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 MP : ASI को कोर्ट से 15 जुलाई तक मिली मोहलत, 22 जुलाई को होगी अगली सुनवाई…

भोपाल : धार की ऐतिहासिक भोजशाला के सर्वेक्षण के मामले में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को 15 जुलाई तक की मोहलत मिल गई है। गुरुवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने यह समय सीमा निर्धारित की। याचिकाकर्ता आशीष गोयल के अनुसार, कोर्ट ने ASI को 15 जुलाई तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जबकि मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को निर्धारित की गई है।

समय सीमा बढ़ाने की मांग:

इससे पहले, 2 जुलाई को हुई सुनवाई में ASI ने इंदौर हाईकोर्ट से अधिक समय की मांग की थी। ASI के वकील हिमांशु जोशी ने कहा कि रिपोर्ट तैयार करने के लिए कोर्ट से 3 से 4 सप्ताह का समय मांगा गया है। कोर्ट ने ASI की इस मांग को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए 15 जुलाई तक की मोहलत दी है।

दरअसल भोजशाला परिसर में सर्वेक्षण का कार्य संपन्न हो चुका है और कल ASI के अधिकारी धार से रवाना हो गए हैं। आज आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम मजदूरों के साथ भोजशाला नहीं पहुंची। 98 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद टीम साक्ष्य, अवशेष, शिलालेख और वास्तुशैली के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है। मजदूर भोजशाला में लेवलिंग और मेंटेनेंस का कार्य कर रहे थे।

व्यापक सुरक्षा बल तैनात किया गया:

जानकारी दे दें कि आज भोजशाला के बाहर व्यापक सुरक्षा बल तैनात किया गया है। इस तैनाती का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सर्वेक्षण के दौरान कोई भी अनचाही घटना न घटे। धार पुलिस के साथ अन्य सुरक्षाबल भी मौजूद हैं ताकि किसी भी संभावित अप्रिय स्थिति का तुरंत और प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके।

जैन समाज की याचिका:

वहीं इस सुनवाई के दौरान यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि जैन समाज की याचिका को शामिल किया जाएगा या नहीं। जैन समाज ने अपनी याचिका में मांग की है कि भोजशाला परिसर में स्थित जैन मंदिर का भी सर्वेक्षण किया जाए और उसे संरक्षित किया जाए।

दरअसल ASI की टीम ने 98 दिनों तक भोजशाला परिसर में सर्वेक्षण किया। इस दौरान टीम ने साक्ष्य, अवशेष, शिलालेख और वास्तुशैली के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई है। टीम की मेहनत का परिणाम यह है कि अब वे अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, हालांकि इसे चार सप्ताह के भीतर उच्च न्यायालय में पेश करना है।

उच्च न्यायालय में आज होने वाली सुनवाई में यह तय होगा कि ASI को रिपोर्ट पेश करने के लिए और समय दिया जाएगा या नहीं। इसके साथ ही, जैन समाज की याचिका पर भी निर्णय लिया जाएगा।