Ajab GajabFEATUREDGeneralLatestNationalNewsPolitics

मोदी सरकार का मनरेगा मजदूरों को बड़ा तोहफा, 3 से 10 फीसदी तक बढ़ाई गई मजदूरी, देखें लिस्ट…

नई दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से देश के मनरेगा मजदूरों को बड़ा तोहफा दिया गया है। दरअसल केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 को देखते हुए मजदूरी बढ़ाने का ऐलान कर दिया गया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत अकुशल शारीरिक श्रमिकों को अब नई दरों के हिसाब से मजदूरी दी जाएगी। मनरेगा मजदूरी की यह दर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग बढ़ाई गई है। बड़ी हुई दर के हिसाब से मजदूरी 1 अप्रैल 2024 से लागू की जाएगी। सबसे ज्यादा फायदा गोवा के मनरेगा मजदूरों को होने वाला है क्योंकि यहां की मजदूरी दर 10.56% बढ़ाई गई है। चलिए आपको बताते हैं कि किस राज्य में मनरेगा मजदूरी की दर कितनी बड़ी है।

बढ़ाई गई MANREGA मजदूरी

जैसा कि हमने आपको बताया गोवा में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में मजदूरों में 10% से ज्यादा की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। चलिए सभी राज्यों की दर देख लेते हैं।

10% से ज्यादा वृद्धि

जिन राज्यों में 10% से ज्यादा वृद्धि की गई है उसमें हरियाणा का नाम सबसे ऊपर है क्योंकि यहां पर मनरेगा मजदूर की उच्चतम दर 374 प्रतिदिन हो चुकी है। गोवा में 10.56% वृद्धि के साथ मजदूरी में 356 रुपए प्रति दिन पहुंच गई है। कर्नाटक में 10.44 प्रतिशत वृद्धि के बाद मजदूरी 349 रुपए प्रतिदिन होगी। तेलंगाना के मजदूरों को 10.29% वृद्धि के साथ 300 रुपए मिलेंगे।

मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मनरेगा मजदूरों को एक समान मजदूरी दी जाती है। केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाई गई दर के बाद दोनों राज्यों में 10% की वृद्धि हुई है। अब तक जहां मजदूरों को 221 रुपए मिलते थे तो अब उन्हें 243 रुपए मिलना शुरू हो जाएंगे।

उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड

इन दोनों राज्यों में फिलहाल मजदूरों को 230 रुपए प्रतिदिन मजदूरी दी जाती है लेकिन अब 3.04% की वृद्धि के साथ यह 237 रुपए हो जाएगी। यह किसी भी राज्य में की गई सबसे कम वृद्धि है।

चुनाव आयोग से ली परमिशन

आपको बता दें कि देशभर में लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू हो चुकी है। ऐसे में फिलहाल किसी भी तरह का ऐलान नहीं किया जा सकता है। लेकिन मनरेगा योजना का संचालन करने वाले ग्रामीण विकास मंत्रालय ने संशोधित दरों को जारी करने के लिए चुनाव आयोग से विशेष तौर पर अनुमति हासिल की थी। मनरेगा मजदूरी की दर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में होने वाले बदलाव के आधार पर तय होती है। उसी को देखते हुए नई दर लागू की गई है।