रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले मंत्री तुलसी सिलावट के ड्राइवर को क्लीन चिट देने की तैयारी
प्रदेश की सियासत में एक और भूचाल आने वाला है. इंदौर पुलिस मंत्री तुलसी सिलावट की पत्नी के उस ड्राइवर गोविंद राजपूत को क्लीन चिट देने की तैयारी कर चुकी है, जिसका नाम रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले पुनीत अग्रवाल ने लिया था.
पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को बताया कि गोविंद राजपूत ने बीमारी के दौरान पुनीत से इंजेक्शन खरीदे थे.हालांकि उनका उपयोग न होने के कारण वापस कर दिए थे. इस मामले में मंत्री का कहना है कि अगर वह दोषी है तो सजा मिलनी ही चाहिए.
पुलिस अधीक्षक आशुतोष बाग़री के मुताबिक पुनीत अग्रवाल ने वीडियो में साशय झूठ बोला था. उसका वीडियो सामने आने के बाद खुद गोविंद ने पुलिस के पास आकर अपने बयान दर्ज करवाए. पुलिस ने कॉल डिटेल और रिकार्डिंग की भी जांच की है. प्राथमिक दृष्टिकोण में गोविंद की बात सच दिखाई दे रही है. हम इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. वहीं, गोविंद ने बताया कि वह बीते दिनों बीमार हुआ था. उसे आशंका थी कि वह कोरोना संक्रमित है. लिहाजा ऐहतियातन उसने पुनीत से इंजेक्शन खरीद लिए थे.
गोविंद के बयान को पुलिस का समर्थन
जानकारी मिली है कि आरोपी पुनीत ने किसी बंटी नामक शख्स से यह इंजेक्शन लिए थे. शुरुआती पड़ताल में पुलिस गोविन्द के बयानों से इत्तिफाक भी रख रही है. साथ ही, कुछ तथ्यात्मक जानकारी भी जुटा रही है. फिलहाल पुलिस पहली नजर में यह मान रही है कि पुनीत का वायरल वीडियो झूठा था और मंत्री का ड्राइवर सच बयां कर रहा है. उसका इंजेक्शन की कालाबाजारी से कोई ताल्लुक नहीं.
मीडिया से बात की थी आरोपी ने
आपको बता दें कि बीते दिनों इंदौर की विजय नगर थाना पुलिस ने पुनीत अग्रवाल को रेमेडिससिविर इंजेक्शन महंगे दाम में बेचते गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपी से इंजेक्शन भी बरामद किया था. पुलिस जब आरोपी पुनीत अग्रवाल को न्यायालय पेश करने जा रही थी, तभी मीडिया कर्मियों से पुनीत ने बात की और बताया कि वह इंजेक्शन गोविंद राजपूत से लाया है. गोविंद मंत्री तुलसी सिलावट की पत्नी का ड्राइवर है और उसी से वह इंजेक्शन लाया था.