Madhya Pradesh

2021 में है शादी के कम मुहूर्त, जानिये क्या है शुभ मुहूर्त

ग्वालियर: इस साल हिंदू धर्म में विवाह के लिए केवल 4 शुभ मुहूर्त बचे हैं. उसके बाद 4 माह बाद अप्रैल महीने से शादियों के शुभ मुहूर्त शुरू होंगे. 11 दिसंबर को शादी का अंतिम शुभ मुहूर्त रहेगा. 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ ही शादियों के शुभ मुहूर्त शुरू हुए थे.

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु चार माह के लिए सो जाते हैं और कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जागते हैं. चार माह की इस अवधि को चतुर्मास कहते हैं. देवउठनी एकादशी के दिन ही चतुर्मास का अंत हो जाता है और शुभ काम शुरू किए जाते हैं.
विवाह मुहूर्त 25 नवंबर देवउठनी एकादशी से शुरू हुए, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु का शयनकाल समाप्त हुआ था. 25 नवंबर से 11 दिसंबर तक के बीच में कुल 8 विवाह मुहूर्त थे. जिनमें से अब 4 शुभ मुहूर्त बचे हैं. 15 दिसंबर से खरमास लग जाएगा.

नवंबर में शुभ विवाह मुहूर्तः 25 और 30 को थे और दिसंबर के 1 व 2 तारीख के विवाह मुहूर्त गुजर चुके हैं। अब 7, 8, 9 व 11 दिसंबर के मुहूर्त बचे हैं.

2021 में 24 अप्रैल से बजेंगी शहनाई

साल 2021 में मांगलिक कार्य करने के लिए अप्रैल तक का इंतजार करना पड़ेगा. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 22 अप्रैल 2021 से दिसंबर 2021 तक करीब 46 विवाह मुहूर्त रहेंगे.

जनवरी से मार्च तक गुरु व शुक्र ग्रह के अस्त रहने पर मुहूर्त नहीं रहेंगे. 15 जनवरी 2021 को गुरु ग्रह अस्त हो जाएंगे और 12 फरवरी 2021 को उदय होंगे. हालांकि 16 फरवरी को बसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त वाला दिन होने के कारण इस दिन विवाह किया जा सकता है. शुक्र ग्रह 14 फरवरी 2021 से अस्त हो जाएगा. शुक्र ग्रह सभी सुख-सुविधाओं का मुख्य कारक है. इसके अतिरिक्त यह नैसर्गिक रूप से भी शुभ ग्रह है और यही कारण है कि सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में शुक्र ग्रह का अस्त होना त्याज्य माना गया है. विवाह में गुरु बल भी अत्याधिक आवश्यक होता है. अत्यंत शुभ ग्रह होने के कारण जब बृहस्पति अस्त होता है अर्थात सूर्य के समीप आ जाता है तो यह स्थिति बृहस्पति के शुभ प्रभाव में कमी का कारण बन जाती है.