कोरोना के कई मरीजों को रहा है ब्लैक फंगस इंफेक्शन, लाखों के लग रहे हैं इसके इंजेक्शन
देश के कई शहरों में अब कोरोना मरीजों को ब्लैक फंगस इंफेक्शन होने के मामले भी सामने आ रहे हैं. दिल्ली के अस्पताल के बाद अब गुजरात के अस्पताल में ऐसे कोरोना मरीज मिले हैं, जो फंगल इंफेक्शन – म्यूकोर्माइकोसिस या ब्लैक फंगस से पीड़ित पाए गए हैं.
तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच इसे एक नई और दुर्लभ बीमारी बताया जा रहा है. रेमडेसिवीर के बाद म्यूकोर्माइकोसिस के इंजेक्शन की भी भारी कमी है. नतीजतन मरीजों के परिवारों को इन इंजेक्शनों को लेने के लिए कई मेडिकल स्टोरों पर जाना पड़ता है.
म्यूकोयकोसिस का उपचार बेहद महंगा और जटिल है. इलाज के दौरान रोगी को 15 से 21 दिनों के लिए एम्फोसिन-बी का इंजेक्शन दिया जाता है. यदि आवश्यक हो तो दूरबीन के माध्यम से नाक से फंगस को हटाने के लिए सर्जरी भी की जाती है. तब भी इंजेक्शन उपचार जारी रहता है. इस उपचार के लिए रोगी के वजन के आधार पर प्रतिदिन 6 से 9 इंजेक्शन की आवश्यकता होती है. एक इंजेक्शन की लागत 6 से 7 हजार रुपये होती है और 20 से 28 दिन के इंजेक्शन कोर्स में 13 से 14 लाख रुपये लग जाते हैं.