मध्यप्रदेश ऑक्सीजन की भारी किल्लत से जूझ रहा
कोरोना का संकट काल है, और मध्यप्रदेश ऑक्सीजन की भारी किल्लत से जूझ रहा है. जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं, वैसे वैसे ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ रही है. लेकिन हैरानी भरी बात यह है कि बाहरी राज्यों से ऑक्सीजन मंगाने के लिए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के पास पर्याप्त टैंकर नहीं हैं.
एक अनुमान के मुताबिक 30 अप्रैल तक प्रदेश में 651 टन ऑक्सीजन की ज़रूरत होगी. जिसे मंगाने के लिए राज्य सरकार को करीब 250 टैंकर चाहिए. लेकिन मौजूदा समय में राज्य सरकार के पास केवल 61 टैंकर ही हैं. जिसमें 50 सरकारी हैं जबकि 11 टैंकर किराए के हैं.
शुक्रवार को प्रदेश में कोरोना के कुल 59 हज़ार 183 एक्टिव केस हो गए. अनुमान के मुताबिक 30 अप्रैल तक यह आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच जाएगा. जिस वजह से ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बेतहाशा बढ़ने के आसार हैं. लेकिन सरकार के पास ऑक्सीजन और इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था है या नहीं? इस पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. एक हिंदी अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में इस समय 50 हज़ार रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था है, लेकिन जल्द ही इंजेक्शन की मांग एक लाख तक बढ़ जाएगी.
हालांकि दूसरी तरफ सरकार का दावा है कि प्रदेश में शुक्रवार तक 336 टन ऑक्सीजन की व्यवस्था हो गई है. 20 अप्रैल को 445 टन और 25 अप्रैल तक यह 565 टन हो जाएगी.