मध्य प्रदेश : आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं अतिथि शिक्षक बनेंगे विशेष पुलिस अधिकारी, पढ़ें पूरी खबर…
भोपाल : मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनावों की तैयारियां तेज है, प्रदेश में कुल चार चरण में चुनाव होने हैं पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा जिसकी तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम चुनाव आयोग के अधिकारी कर रहे हैं, इसी बीच निर्वाचन आयोग ने कहा कि प्रदेश में चुनाव के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं अतिथि शिक्षकों को विशेष पुलिस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जा सकेगा।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं अतिथि शिक्षक होंगे SPO
मप्र राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से आज एक महत्वपूर्ण जानकरी साझा की गई है कि लोकसभा निर्वाचन सम्पन्न कराने के लिये प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं अतिथि शिक्षकों को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के रूप में नियुक्त किया जा सकेगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी, मध्य प्रदेश को 28 मार्च को इस आशय की स्वीकृति दे दी गई है। ध्यान रहे आयोग द्वारा यह स्वीकृति सिर्फ इसी लोकसभा निर्वाचन के लिये दी गई है।
राज्य स्तरीय मीडिया वर्कशॉप का आयोजन
मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने प्रशासन अकादमी में आयोजित राज्य स्तरीय मीडिया वर्कशॉप में कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में मीडिया की अहम भूमिका है। मीडिया निर्वाचन संबंधी तथ्यात्मक एवं सही जानकारी पाठकों तक पहुंचाएँ। आयोग का प्रयास है कि मीडिया को निर्वाचन संबंधी सभी अपडेट जानकारियाँ दी जाएं।
मतदान के लिए प्रेरित करने में मीडिया का सहयोग आवश्यक
राजन ने कहा कि सभी मतदाताओं को मतदान के लिये प्रेरित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस कार्य में मीडिया का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। मतदाता जागरूकता अभियान में मीडिया भी सहभागिता करे। उन्होंने ने कहा कि वे लगातार मीडिया के संपर्क में रहते हैं, जिससे उनकी शंकाओं का समाधान किया जा सके और पाठकों तक सही जानकारियाँ पहुंचे।
प्राधिकार पत्र धारक पत्रकारों को मिलेगी पोस्टल बैलेट की सुविधा
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजन ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा जारी प्राधिकार पत्रधारक पत्रकारों को पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इससे पत्रकार मतदान के दिन कव्हरेज में व्यस्त होने पर पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि 85 वर्ष से अधिक उम्र और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं को उनकी इच्छा पर उन्हें घर से वोटिंग करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये।
पत्रकार आयोग के आँख और कान
संयुक्त निर्वाचन पदाधिकारी मनोज खत्री ने कहा कि पत्रकार आयोग के आँख और कान हैं। उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से आयोग को ऐसी जानकारियाँ मिल जाती हैं, जो कई बार प्रशासन की नजरों में नहीं आ पाती हैं। खत्री ने कहा कि एमसीएमसी कमेटी के अनुमोदन के बाद ही राजनैतिक विज्ञापन जारी किये जाएं। विज्ञापन समाचार के रूप में नहीं देना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों से नेशनल मीडिया अवार्ड के लिये नामांकन दर्ज करने का भी आग्रह किया।